लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना संक्रमण काल में भाजपा की ओर से यह तर्कहीन बात फैलाई जा रही है कि जब लोग दूसरे कामों के लिए घर से निकल रहे हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से जारी खुले पत्र में कहा गया है कि, ”भाजपा की तरफ से ये हास्यास्पद और तर्कहीन बात फैलाई जा रही है कि जब लोग दूसरे कामों के लिए घर से निकल रहे हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते?”
सपा की तरफ से जारी खुले पत्र में एक नारा भी लिखा गया है, आइये मिलकर कहें, ”जान के बदले एग्जाम’ नहीं चलेगा-नहीं चलेगा!!” पत्र में कहा गया कि भाजपाई सत्ता के मद में ये भी भूल गए कि लोग मजबूरी में निकल रहे हैं और जो लोग घर पर रहकर बचाव करना भी चाहते हैं, सरकार परीक्षा के नाम पर उन्हें बाहर निकलने पर बाध्य कर रही है.
अखिलेश यादव ने पत्र में कहा कि, ”ऐसे में अगर किसी परीक्षार्थी, उनके संग आए अभिभावक या घर लौटने के बाद उनके संपर्क में आए घर के बुजुर्गों को संक्रमण हो गया तो उसकी कीमत क्या ये सरकार चुकाएगी?” उन्होंने कहा कि, ”भाजपा ये समझ चुकी है कि बेरोजगारी से जूझ रहा युवा कोरोना, बाढ़ और अर्थव्यवस्था की बदइंतजामी से त्रस्त गरीब, निम्न और मध्य वर्ग अब कभी उसको वोट नहीं देगा, इसीलिए वो युवाओं और अभिभावकों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है. भाजपा को सिर्फ वोट देने वालों से मतलब है.”
गौरतलब है कि, नीट और जेईई जैसी परीक्षाओं को टालने की मांग छात्रों का एक वर्ग कर रहा है, जिसका विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दल समर्थन कर रहे हैं
बीजेपी हठधर्मी और नकारात्मक राजनीति
सपा नेता ने कहा कि भाजपा समझ चुकी है कि बेरोजगारी से जूझ रहा युवा और कोरोना, बाढ़ और अर्थव्यवस्था की बदइंतजामी से त्रस्त गरीब और मध्यम वर्ग अब उन्हें वोट नहीं देगा इसलिए भाजपा प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है। भाजपा को सिर्फ वोट देनेवालों से मतलब है। नकारात्मक और हठधर्मी बदले की राजनीति करने वाली भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के खिलाफ देश में एक नई युवा क्रांति जन्म ले रही है।