भीड़ का न्याय या सिस्टम की नाकामी: दो कैदियों को थाने में ही पीट-पीट कर मार डाला लेकिन ‘गुनाह’ बड़ा था

एनटी न्यूज़ डेस्क/ अपराध/ योगेन्द्र त्रिपाठी

कहते हैं भीड़ का न कोई चेहरा होता, न ही कोई उसकी शिनाख्त कर सकता है. भीड़ जब भी कोई मकसद लेकर चलती है तो उसके बीच में आने वाली हर मुसीबत, हर बाधा को रौंदते कर अपना लक्ष्य प्राप्त करती है. अरुणाचल प्रदेश के तेजु कस्बे में कुछ इसी तरह का एक वाक्या घटित हुआ है. इस शहर में भीड़ ने बलात्कार के दो संदिग्ध आरोपियों को थाने के लॉकअप से बाहर निकाल कर रेप पीड़िता ‘एक छोटी से मृत बच्ची’ को न्याय दिलवाया है. ख़ास बात यह रही कि ये घटना थाने के सभी आला अधिकारियों के सामने हुई और वह हाथ पर हाथ धरे देखते रह गये. इस घटना का पुष्टिकरण अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने खुद किया है.

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क्या कहा डीआईजी (पूर्वी रेंज) ने…

अरुणाचल प्रदेश के पुलिस डीआईजी (पूर्वी रेंज) अपुर बिटिन ने कहा कि सोमवार 12 बजे के आसपास करीब एक हजार लोगों की भीड़ ने पुलिस के लॉकअप पर हमला कर दिया और दोनों आरोपियों को अपने साथ ले गई.

उन्होंने कहा कि भीड़ द्वारा किए गये इस हमले में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.

उन्होंने कहा कि भीड़ के हत्थे चढ़े मृतकों की पहचान संजय सोबोर (30) और जगदीश लोहर (25) के रूप में की गई हैं. पुलिस ने बलात्कार के दोनों संदिग्धों को रविवार को गिरफ्तार किया था.

मार कर बाजार में फेंके शव…

प्रादेशिक मीडिया की ख़बरों के अनुसार, सोमवार को थाने के बाहर देखते ही देखते सैकड़ों लोग जमा हो गए. भीड़ में शामिल कुछ लोग लॉकअप में बंद दोनों आरोपियों को खींचकर बाहर निकाल ले गए और उन पर हमला कर दिया.

जब भीड़ की मार से दोनों मर गये तो बाद में दोनों शवों को बाजार में फेंक दिया गया.

भीड़ ने क्यों किया हमला…

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 फरवरी को एक बच्ची का अपहरण कर लिया गया था और शव पांच दिन बाद एक चाय बागान से मिला था. बच्ची के साथ बहुत ही निर्ममता की गयी थी.

रिपोर्ट्स के अनुसार, शव नग्न हालत में में मिला था और उसका सिर कटा हुआ था.

पुलिस ने रविवार को दोनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था, जहां से दोनों को रिमांड पर भेज दिया गया था.

रिमांड में जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसमें से एक संदिग्ध ने कथित तौर पर बच्ची के अपहरण और बलात्कार करने की बात कबूल कर ली थी.

मामले में कई लोगों के खिआफ हुआ केस

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भीड़ में शामिल लोगों द्वारा दोनों बंदियों की हत्या के बाद तेजु पुलिस हरकत में आई. इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है.

लेकिन सोमवार देर शाम तक इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. इस घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो गया है, जिसके कारण वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडु इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं. खांडु ने नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या की घटना को ‘बर्बर और अमानवीय’ करार दिया.

इसके साथ ही उन्होंने भीड़ द्वारा दो लोगों की हत्या को भी ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है. सीएम ने अपने बयान में कहा कि पुलिस घटना की जांच कर रही है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती.

तीन पुलिसकर्मी हुए बर्खास्त

इस घटना के दौरान तेजु थाने में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को टर्मिनेट कर दिया गया है. वहीं, लोहित जिले के पुलिस अधीक्षक को ट्रांसफर कर अलग भेज दिया गया है.

हम आपको बता दें कि साल 2015 में ऐसी ही एक घटना नागालैंड के दीमापुर शहर में सामने आई थी. इस घटना में भी भीड़ ने बलात्कार के आरोप मे केंद्रीय जेल में बंद एक शख्स को बाहर लाकर पीट-पीटकर मार डाला था.

उसके बाद में भीड़ ने बलात्कारी के शव को शहर के एक चौराहे पर लटका दिया था.