एनटी न्यूज़ डेस्क/ टेक्नोलॉजी
दुनिया में जिस तेजी से तकनीकी का विकास हो रहा है उसी तेजी से लोग अपने निजी डाटा की सुरक्षा को लेकर चिंतित दिख रहे हैं. लोगों की चिंताओं को देखते हुए वैज्ञानिकों ने इस दिशा में काम किया और अब वे एक ऐसा प्रोग्राम तैयार करने में सफल हो गए हैं, जो निजी डाटा को सुरक्षित रख सकेगा. स्विट्जरलैंड के इपीएफएल के वैज्ञानिकों को मिली खास प्रोग्राम विकसित करने में सफलता मिली है.
डाटा प्रोटेक्शन पॉलिसी तत्काल पढ़ने की क्षमता
दरअसल, वैज्ञानिकों ने एक ऐसा प्रोग्राम विकसित किया है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर किसी वेबसाइट की डाटा प्रोटेक्शन पॉलिसी को पलक झपकते पढ़ लेता है और आपके निजी डाटा को सुरक्षित करने में मदद कर सकता है.
स्विट्जरलैंड के इकोले पॉलीटेक्निक फेडरल डे लॉसैने (इपीएफएल) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किए गए. इस प्रोग्राम के जरिए लोगों को पता चल सकेगा कि कौन सी वेबसाइट या एप उनके निजी डाटा को एकत्र कर रहे हैं और बेच रहे हैं.
इस तरह काम करता है प्रोग्राम
प्रोजेक्ट के प्रमुख हमजा हरकोस के मुताबिक, उनकी टीम द्वारा विकसित किया गया प्रोग्राम साधारण ग्राफ और कलर कोड्स का इस्तेमाल करता है, जिससे वेबसाइट या एप का इस्तेमाल करने वाले को यह पता चल जाता है कि उनके डाटा का कितना इस्तेमाल किया जा रहा है.
वह उदाहरण के तौर पर समझाते हैं कि जैसे, कुछ वेबसाइट मार्केटिंग के उद्देश्य से लोकेशन डाटा को साझा कर देती हैं, जबकि कुछ वेबसाइट बच्चों के बारे में पूरी तरह जानकारी को सुरक्षित नहीं रखती हैं.
कैसे काम करती है ये वेबसाइट
हमजा के मुताबिक, वेबसाइट की डाटा प्रोटेक्शन पॉलिसी को समझने के लिए उनका प्रोग्राम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करता है.
जैसे ही पॉलिसी का टेक्स्ट प्रोग्राम में जाता है तो कुछ ही सेकेंड में सॉफ्टवेयर की मदद से यह आसान विजुअल्स की मदद से परिणाम दे देता है.
वह कहते हैं कि इससे यूजर को तुरंत पता चल जाता है कि वेबसाइट को किन-किन डाटा को एकत्र करने का अधिकार है और इसका उद्देश्य क्या है. इसके बाद यूजर को यह पता चल जाता है कि उसे उस वेबसाइट, एप को इस्तेमाल या डाउनलोड करना है या नहीं.
हमजा बताते हैं कि इसके साथ ही यह प्रोग्राम यूजर को यह भी बतता है कि उनके द्वारा किसी डेटा को शेयर करने से इनकार करने के और क्या विकल्प मौजूद हैं.