मोदी सरकार को घेरते-घेरते खुद फंस गयी कांग्रेस, शाह ने दागे ट्विट पर ट्विट

एनटी न्यूज़ डेस्क/ राजनीति

देश में एक के बाद एक करोड़ों-अरबों रुपये के बैंक घोटालों के उजागर होने से खलबली मची हुई है. पहले पीएनबी, फिर रोटोमैक और अब ओबीसी (ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स) घोटाला सामने आने से सियासत और गरमा गई है. विपक्ष के निशाने पर मौजूदा सरकार है, मगर ताजा ओबीसी घोटाले में मोदी सरकार को घेरने के चक्कर में कांग्रेस ने खुद की ही फजीहत करा ली है.

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असल में पहले कांग्रेस पार्टी ने ओबीसी घोटाले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, मगर जैसे ही पता चला कि इस घोटाले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद का नाम भी शामिल है, तुरंत ट्वीट डिलीट कर दिया गया, लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसको लेकर कांग्रेस पर जोरदार पलटवार किया. शाह ने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि पंजाब के मुख्यमंत्री के रिश्तेदार ने किसानों की गाढ़ी कमाई का पैसा लूट लिया है.’

भाजपा अध्यक्ष का इशारा ओबीसी बैंक के उस कथित धोखाधड़ी मामले की ओर था, जिसमें अमरिंदर सिंह के दामाद पर मुकदमा दर्ज किया गया है. सीबीआइ ने 22 फरवरी को सिंभावली शुगर्स लिमिटेड के अध्यक्ष गुरमीत सिंह मान, उप प्रबंध निदेशक गुरपाल सिंह एवं अन्य के खिलाफ 97.85 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. गुरपाल सिंह पंजाब के सीएम अमरिंदर के दामाद हैं.

क्या है अमित शाह का ट्विट

शाह ने अपने ट्वीट में कहा, ‘पंजाब के मुख्यमंत्री के दामाद ने भारत के मेहनती किसानों के पैसे को हड़प लिया है, इससे अधिक शर्मनाक और क्या हो सकता है कि कांग्रेस ने किसानों को ही लूट लिया है?’

शाह ने सवाल किया, ‘कांग्रेस ने ओबीसी में कथित धोखाधड़ी से जुड़ी खबर संबंधी ट्वीट को क्यों हटाया? कांग्रेस हमेशा अपनी लूट को रेखांकित करने में आगे रही है. वह चाहे एनपीए का मामला हो, ऋण बकाया या विजय माल्या और नीरव मोदी को खुली छूट देने का विषय हो.’

शाह ने ओबीसी में कथित धोखाधड़ी से जुड़ी खबर को भी साझा किया है. वहीं पीएनबी मामले में राहुल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कार्रवाई में जितनी तेजी दिखाई है, वह अब तक की किसी भी सरकार के कार्यकाल में नहीं हुआ.

क्या है पूरा मामला

2011 में रिजर्व बैंक की गन्ना किसानों के लिए लाई गई योजना के तहत सिंभावली शुगर्स लिमिटेड ने 97.85 करोड़ का लोन लिया था.

इस रकम को गन्ना किसानों को वित्तीय मदद के रूप में बांटना था, लेकिन कंपनी ने फर्जीवाड़ा करके इस रकम को अपने काम के लिए खर्च कर लिया.

31 मार्च 2015 को यह लोन एनपीए बन गया, जिसके बाद कंपनी ने पिछले लोन चुकाने के लिए 110 करोड़ रुपये का नया लोन लिया.

नोटबंदी के 20 दिन बाद 29 नवंबर 2016 को एनपीए घोषित कर दिया गया. यह बैंक से 97.85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला है और 109.08 करोड़ रुपये का लोन डिफॉल्ट हुआ है.

मेरे दामाद के पास केवल 12.5 फीसद शेयर: कैप्टन

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स घोटाले में फंसे अपने दामाद गुरपाल सिंह का बचाव किया है. अमरिंदर ने कहा है कि विपक्ष पूरे मामले में बिना जानकारी के तथ्यहीन आरोप लगा रहा है. सिंभावली शुगर्स लिमिटेड में गुरपाल केवल 12.5 फीसद के शेयरहोल्डर हैं.

उनके पास जो जानकारी है, उसके अनुसार पूरे मामले की सुनवाई कर्ज वसूली टिब्यूनल के तहत की गई है. बैंक ने टिब्यूनल में याचिका दायर की थी.

गुरपाल ने पर्सनल गारंटी पर कर्ज लेने संबंधी किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया था. कैप्टन ने आगे कहा कि भाजपा गुरपाल को जानबूझकर केवल इसलिए बदनाम कर रही है, क्योंकि बैंक के डायरेक्टर के साथ उनके निजी रिश्ते हैं.