एनटी न्यूज़ डेस्क/ राजनीति
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की वर्तमान अध्यक्षा सोनिया गाँधी ने राहुल गाँधी के ताजपोशी के बाद पहली बार किसी सार्वजानिक मीडिया कार्यक्रम में भाग लिया. टीवी टुडे ग्रुप के एक कार्यक्रम में सोनिया ने बोलते हुए कहा कि अटल बिहारी बाजपई बेहतर नेता थे, उनके अन्दर सबको साथ लेकर चलने का गुण था, लेकिन अभी की भाजपा में ऐसा कोई नेता नहीं है, जो सबको साथ लेकर चल सके. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जैसे ‘शाइनिंग इंडिया’ का हाल हुआ था, वैसे ही ‘अच्छे दिन’ का भी हाल होगा.
बहुत दिनों बाद दिखीं सार्वजानिक मंच पर
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ताजपोशी के बाद से सोनिया गांधी को सार्वजानिक मंचों पर बोलते कम ही देखा गया है. वह काफी समय से अस्वस्थ चल रही थी. ऐसे में उन्होंने अपनी बात कहने के लिए इंडिया टुडे कॉनक्लेव चुना. इस दौरान उन्होंने देश की जनता के सामने अपनी बात रखी और अरुण पुरी के साथ एक सेशन भी किया.
‘अच्छे दिन’ का हाल होगा बुरा
सोनिया गांधी ने अरुण पुरी के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगले साल आम चुनाव में केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के ‘अच्छे दिन’ के नारे की स्थिति भी ‘शाइनिंग इंडिया’ जैसी हो जाएगी.
2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में एनडीए सरकार ने ‘शाइनिंग इंडिया’ का नारा दिया था और इसी के सहारे वह उस समय आम चुनाव में उतरी थी, लेकिन उसे करारी हार मिली और केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए की सरकार बनी. तब सोनिया के पास प्रधानमंत्री बनने का मौका था, लेकिन उन्होंने यह पद ग्रहण करने से इनकार कर दिया था.
आगामी आम चुनाव में कई मुद्दे होंगे अहम
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि 2019 में चुनाव में कई अहम मुद्दे रहेंगे. बीजेपी ने कई बेहद शानदार वादे किए थे, लेकिन उसका हकीकत में क्या हुआ?
उन्होंने कहा कि उनके वादों का क्या हुआ. 15 लाख देने का वादा किया था. लोग बेहद निराश हैं.
कॉन्क्लेव में अरुण पुरी से बातचीत के दौरान यूपीए की चेयरपर्सन ने कहा, ‘मुझे पक्का विश्वास है कि बीजेपी के ‘अच्छे दिन’ के नारे की हालत भी ‘शाइनिंग इंडिया’ जैसी हो जाएगी.’
मेरी नहीं है कोई सलाह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दिए जाने के एक सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें सलाह देने के लिए उनके आसपास काफी लोग हैं. फिलहाल वो प्रधानमंत्री हैं और वह उन्हें सलाह नहीं दे सकतीं.
सारे फैसले राहुल गांधी के हाथ
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि अब वह कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं और पार्टी की कमान राहुल गांधी के हाथों में हैं.
उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी के सारे सियासी फैसले राहुल पर छोड़ दिए हैं.
पार्टी तय करेगी कि मैं चुनाव लडूंगी या नहीं
इस बात से एक अहम सवाल उठ रहा है आने वाले लोकसभा चुनाव में वह चुनाव लडे़ंगी या नहीं?
इस सवाल पर सोनिया गांधी ने कहा कि ये पार्टी तय करेगी कि वो चुनाव लड़ेंगी कि नहीं.
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद से सोनिया गांधी के 2019 में चुनाव लड़ने और न लड़ने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं.
इतना ही नहीं खबरें ये भी चली थीं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली संसदीय सीट से सोनिया की बजाय प्रियंका गांधी चुनाव में उतर सकती हैं.
अरुण पुरी के सवालों का जवाब देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि ये पार्टी तय करेगी कि वो चुनाव लड़ेंगी कि नहीं.
इसका मतलब साफ है कि सोनिया के चुनाव लड़ने का फैसला अब पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को करना होगा.
2004 में रायबरेली से बनी थीं सांसद
सोनिया गांधी ने पहला लोकसभा चुनाव 1999 में अमेठी से लड़ा था और जीत दर्ज की थी. इसके बाद से लगातार वे रायबरेली संसदीय सीट से चुनाव लड़ती आ रही हैं.
मोदी लहर में भी सोनिया गांधी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में करीब तीन लाख मतों से जीत दर्ज किया था. सोनिया गांधी के चुनाव प्रचार की कमान बेटी प्रियंका गांधी संभालती हैं.
राहुल की छुट्टी नहीं है बड़ा मुद्दा
होली से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी नानी से मिलने इटली पहुंचे थे, जिस पर बीजेपी की ओर से काफी तंज कसा गया. राहुल की छुट्टियों पर पहले से भी निशाना साधा जाता रहा है. हालांकि सोनिया गांधी इसे कोई मुद्दा नहीं मानती.
सोनिया ने बताया कि राहुल गांधी तीन दिन के लिए अपनी नानी से मिलने जरूर गए थे, लेकिन वे चुनाव का अपना काम करके गए थे.
सोनिया से पूछा गया कि बीजेपी का नेतृत्व 24 घंटे सक्रिय रहता है, जबकि कांग्रेस और राहुल गांधी ब्रेक लेते रहते हैं. मोदी सरकार 24 घंटे राजनीतिक मशीन की तरह काम करती है, वहीं कांग्रेस की कार्यप्रणाली में ढीलापन देखा जाता है.
सोनिया के मुताबिक पार्टी में बहुत से लोग छुट्टी लेते रहते हैं, जिनके बारे में कोई खबर नहीं आती और छुट्टी लेना ठीक भी है.
‘राजनीति में राहुल का अपना स्टाइल है’
राहुल गांधी को सलाह देने की बात पर सोनिया ने कहा कि वह अपना मत किसी पर थोपने की कोशिश नहीं करती हैं. लिहाजा यह जरूरी कि उन्हें उनका काम करने की पूरी आजादी रहे.
सोनिया ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पार्टी के सभी नेताओं का काम करने का अपना तरीका है. राहुल की भी अपनी स्टाइल है.
उन्होंने कहा कि राहुल की कोशिश रही है कि कांग्रेस में नई जान फूंकी जाए.
तैयार हो रही है कांग्रेस
एक सवाल के जवाब में सोनिया गांधी ने कहा कि विपक्ष में बैठी कांग्रेस 2019 की जंग में जाने के लिए राहुल गांधी के नेतृत्व में तैयार हो रही है. राहुल के साथ पार्टी के मामलों पर लगातार बातचीत करती रहती हैं.
राजनीति में प्रियंका के आने को लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि ये फैसला प्रियंका गांधी को तय करना है कि वो राजनीति में कब आएंगी.
उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी को राजनीति में आने का फैसला खुद करना है.
सोनिया ने कहा कि प्रियंका गांधी के बच्चे किशोरावस्था में हैं. उनकी परीक्षाएं हैं.
कांग्रेस नेता के बयान का मतलब साफ है कि राजनीति में प्रियंका गांधी की दस्तक के लिए अभी कुछ और दिन इंतजार करना पड़ेगा.
सोनिया के लिहाज से देखा जाए तो बच्चों के बड़े होने के बाद प्रियंका राजनीति में एंट्री कर सकती हैं.
प्रियंका संभालती हैं प्रचार का काम
बता दें कि प्रियंका गांधी अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र के चुनावी प्रचार की कमान संभालती हैं. इसके अलावा रायबरेली के कांग्रेस संगठन को भी देखती हैं.
प्रियंका के निर्देशानुसार रायबरेली में पार्टी संगठन अपनी भूमिका अदा करता है. रायबरेली और अमेठी के पार्टी नेताओं के साथ दिल्ली में लगातार वो बैठकें भी करती रहती हैं.
इसी के मद्देनजर सोनिया गांधी ने जब कांग्रेस की कमान छोड़ी थी तब से कयास लगाया जा रहा है कि प्रियंका गांधी मां सोनिया की सियासी विरासत को संभालने के लिए रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं.
राहुल गांधी की ताजपोशी के दौरान प्रियंका ने कहा था कि रायबरेली से मां सोनिया गांधी ही चुनाव लड़ेंगी.