साप्ताहिकी : जनप्रतिनिधियों के लचर रवैये के कारण पूरे हफ्ते बाधित रहे दोनों सदन

एनटी न्यूज़ डेस्क/ साप्ताहिकी

पहले कभी साल भर में औसत 150 दिनों तक चलने वाली संसद अब महज 80 दिनों पर आ कर सिमट गयी है. इस मामले में जनता की खून-पसीने की कमाई से संसद जाने वाले जनप्रतिनिधियों का रवैया सबसे लचर है. इस हफ्ते की शुरुआत में संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत हुई. लोगों को अपेक्षा थी कि इस सत्र में उनके जनप्रतिनिधि ज्यादा से ज्यादा से काम काम करके दोनों सदनों में काफी अरसे से लटके करीब 60 से अधिक बिलों को पारित करवाकर उनकी समस्याओं का निदान करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस हफ्ते दोनों सदनों की कार्रवाई पूरी तरह से बाधित रही.

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क्या रहा विरोध का रवैया

संसद के दोनों सदनों में बजट सत्र के पहले हफ्ते में कई मुद्दों को लेकर सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच गतिरोध की वजह से कार्यवाही बाधित रही. शुक्रवार को भी सदन में कोई कार्य नहीं हुआ.

संसद में आंध्र प्रदेश, पीएनबी घोटाला और कावेरी जल मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियों ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधा.

लोकसभा में बजट सत्र के दूसरे चरण के पांच मार्च को शुरू होने के बाद से ही संसद के दोनों सदनों में आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग और पंजाब नेशल बैंक का 12600 का घोटाला छाया रहा और विवाद इस पर बना रहा कि इन पर चर्चा का स्वरूप क्या हो.

लगातार विपक्ष ने किया प्रदर्शन

लोकसभा में लगातार पांचवें दिन शुक्रवार को भी विपक्षी पार्टियों ने सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया. सदन की कार्यावाही सुबह शुरू होते ही विपक्षी पार्टियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और पांच मिनट बाद ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित करना पड़ा.

सदन की कार्यवाही जैसे ही दोबारा शुरू हुई, विभिन्न पार्टियों के सांसद हाथों में प्लेकार्ड लेकर लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए और नारे लगाने शुरू कर दिया. महाजन ने इसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.

दोनों सदनों की स्थिति अलग नहीं

राज्यसभा में भी स्थिति लोकसभा से अलग नहीं थी. विपक्षी दलों के सांसदों ने 12,600 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर हंगामा किया जिसके बाद संसद कार्यवाही हंगामे के बीच स्थगित कर दी गई.

अपराह्न् 2.30 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और एआईएडीएमके के सांसद सभापति के आसन के पास इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करने लगे.

उप सभापति पी.जे.कुरियन ने उनसे कामकाज करने का आग्रह किया लेकिन विपक्षी सांसदों का हंगामा जारी रहा.

कांग्रेस, तेदेपा के साथ एआईएडीएमके भी

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी पीएनबी घोटाले के बारे में कुछ कहते सुने गए. उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से जवाब की मांग की.

तेदेपा सांसद आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के समर्थन में प्लेकार्ड दिखाकर नारेबाजी करने लगे जबकि एआईएडीएमके के सांसदों ने कावेरी जल विवाद पर हंगामा किया.

नारेबाजी के बीच कुरियन ने सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी.

इससे पहले हंगामे के बीच सभापति एम.वेंकैया नायडू ने संसद की कार्यवाही अपराह्न् 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी.