एनटी न्यूज़ डेस्क/ साप्ताहिकी/ करो-वार
करीब महीना भर पहले सामने आये देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले के बाद से भारतीय शेयर बाजार लगातार गिरावट के दौर से गुजर रहा है. इस मुद्दे के अलावा अन्य कई कारण भी है, जो निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट के लिए जिम्मेदार हैं. इन सभी का आकलन इस साप्ताहिकी में आप पढ़ कर समझ जायेंगे कि क्यों लगातार निवेशकों का पैसा डूब रहा है और कोई जुगात काम नहीं आ रही है.
क्या रहे हैं मुख्य कारण…
बीते सप्ताह शेयर बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गई, जिसमें कमजोर वैश्विक संकेतों के साथ भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में रोज हो रहे नए-नए घोटालों के खुलासे के कारण इस क्षेत्र की सेहत को लेकर छाई चिंता का प्रमुख योगदान रहा.
पिछले महीने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 12,600 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था, जिसका मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जांच एजेंसियों की पकड़ से बाहर है.
इसके अलावा शेयर बाजारों में छाई मंदी का मुख्य कारण एक निजी सर्वेक्षण से सामने आए देश के सेवा क्षेत्र के विस्तार में पिछले महीने आई गिरावट का आंकड़ा है.
साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और अल्युमिनियम पर टैरिफ बढ़ाने के बाद दुनिया में व्यापार युद्ध छिड़ने की आशंका से भी निवेशक भयभीत रहे.
अमेरिकी राष्ट्रपति के कारण आई मंदी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 मार्च को कहा था कि वे स्टील पर 25 फीसदी आयात शुल्क और अल्युमिनियम पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाएंगे, ताकि अमेरिकी उत्पादकों की सुरक्षा हो सके.
ट्रंप का कहना है कि इससे अमेरिका में रोजगार पैदा होंगे और अन्य उद्योगों को भी लाभ होगा. निवेशकों को आशंका है कि ऐसी ही नीतियां दूसरे देश भी लागू कर सकते हैं, जिससे मुक्त कारोबार को बड़ा झटका लगेगा.
साप्ताहिक आधार पर दर्ज की गयी 2.17 की गिरावट
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में 739.80 अंकों या 2.17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 33,307.14 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी में 231.50 अंकों या 2.21 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 10,226.85 पर बंद हुआ.
बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 474 अंकों या 2.88 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 15,987.27 पर बंद हुआ. वहीं, स्मॉलकैप सूचकांक में 779.02 अंकों या 4.31 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 17,305.92 पर बंद हुआ.
ये है साप्ताहिक आकड़ा
सोमवार को शेयर बाजार की नकारात्मक शुरुआत हुई और सेंसेक्स 300.16 अंकों या 0.88 फीसदी की गिरावट के साथ 33,746.78 पर बंद हुआ.
मंगलवार को सेंसेक्स 429.58 अंकों या 1.27 फीसदी की गिरावट के साथ 33,317.20 पर बंद हुआ.
बुधवार को सेंसेक्स में 284.11 अंकों या 0.85 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 33,033.09 पर बंद हुआ.
गुरुवार को लगातार छह सत्रों की गिरावट के बाद सेंसेक्स में तेजी आई और यह 318.48 अंकों या 0.96 फीसदी की तेजी के साथ 33,351.57 पर बंद हुआ.
सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को सेंसेक्स 44.43 अंकों या 0.13 फीसदी की गिरावट के साथ 33,307.14 पर बंद हुआ.
ये रही मुख्य कम्पनियां
बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे – हीरो मोटोकॉर्प (0.08 फीसदी), एचडीएफसी (0.05 फीसदी) और इंडसइंड बैंक (0.22 फीसदी).
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे – टाटा स्टील (10.32 फीसदी), टाटा मोटर्स (7.86 फीसदी), अडानी पोर्ट्स (6.29 फीसदी), भारती एयरटेल (5.81 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (3.76 फीसदी), कोल इंडिया (2.59 फीसदी).
इसके अलावा सन फार्मास्यूटिकल (5.18 फीसदी), यस बैंक (5.39 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (4.11 फीसदी), एक्सिस बैंक (3.94 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (1.31 फीसदी), कोटक महिंद्रा बैंक (1.20 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (3.58 फीसदी) और पीएनबी (5.45 फीसदी).
आर्थिक आंकड़ों में, ‘कमजोर मांग की स्थितियों’ के कारण देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर में फरवरी में गिरावट दर्ज की गई है. प्रमुख व्यापक आर्थिक आंकड़े सोमवार को जारी हुए.
निक्केई इंडिया सर्विसेज में भी आई गिरावट
मौसमी समायोजित निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी सूचकांक फरवरी में गिरकर 47.8 पर रहा, जबकि जनवरी में यह 51.7 पर था.
इस सूचकांक में 50 से ऊपर का अंक तेजी तथा 50 से कम का अंक मंदी का सूचक है.
आईएचएस मार्किट की रपट कहती है
आईएचएस मार्किट की रिपोर्ट में कहा गया कि नवंबर के बाद कारोबारी गतिविधियों तथा नए काम दोनों में गिरावट आई है और गिरावट की यह दर अगस्त के बाद से सबसे अधिक है.
इस रपट में कहा गया है कि इससे हाल में भारत के सेवा क्षेत्र में लौटी तेजी का अंत हो गया है. वास्तविक अनुमान के मुताबिक, सेवा क्षेत्र में अंतर्निहित मांग की स्थिति काफी कमजोर है.
इसके साथ ही निक्केई इंडिया कंपोजित पीएमआई आउटपुट सूचकांक में भी गिरावट दर्ज की गई और यह फरवरी में गिरकर 49.7 पर रही, जबकि जनवरी में यह 52.5 पर थी.
यह राजनीतिक मुद्दे भी रहे जिम्मेदार
राजनीतिक मोर्चे पर, 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा की 59 सीटों पर 18 फरवरी को हुए मतदान के बाद शनिवार (3 मार्च) को आए चुनाव के नतीजों में भाजपा को 35 और आईपीएफटी को आठ सीटें मिली हैं, जबकि 16 सीटें 25 साल से प्रदेश की सत्ता में काबिज रही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को मिली है.
नगालैंड में सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि भाजपा की झोली में 11 सीटें आई हैं.
मेघालय में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 21 सीटें जीत ली हैं जबकि पिछले चुनावों में पार्टी ने 60 में से 29 सीटें जीती थीं. भाजपा की संभावित गठंबधन साझेदार नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने 19 सीटें जीती हैं. राज्य की 60 में से 59 सीटों पर 27 फरवरी को मतदान हुआ था.