फेसबुक डाटा लीक मामले में ब्रिटिश रेगुलेटरों ने आरोपित फर्म कैंब्रिज एनालिटिका (सीए) के लंदन स्थित कार्यालयों पर शुक्रवार को छापे मारे. यह कार्रवाई शनिवार तड़के तीन बजे तक चली. जज से वारंट हासिल करने के बाद सूचना आयुक्त कार्यालय (आइसीओ) के करीब 20 एजेंटों ने शुक्रवार रात करीब आठ बजे कंपनी के कार्यालयों में प्रवेश किया. आइसीओ के प्रवक्ता ने बताया कि साक्ष्यों के आकलन के बाद ही अगले कदम पर फैसला लेंगे.
एक ऐप के जरिए हुई थी धांधली
सीए ने करीब पांच करोड़ फेसबुक यूजर्स के डाटा एक ऐप के जरिये हासिल किए थे. यह ऐप 2.70 लाख लोगों ने डाउनलोड किया था. इन आंकड़ों का इस्तेमाल कथित तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान में किया गया. हालांकि,सीए ने इससे इन्कार किया है.
वहीं, ब्रिटेन के अखबार ‘गार्जियन’ ने सीए के पूर्व राजनीतिक सलाहकार के हवाले से आरोप लगाया है कि कंपनी प्रबंधन ने ब्रिटिश जनता को यह कहकर गुमराह किया है कि उसने ब्रेक्जिट समर्थक समूह के लिए काम नहीं किया था.
कंपनी के 2014 से इस साल की शुरुआत तक बिजनेस डेवलेपमेंट डायरेक्टर रहे ब्रिटेनी कैसर ने भी बताया कि सीए ने ब्रेक्जिट समर्थकों के लिए डेटा क्रंचिंग और एनालिसिस का काम किया था.
दो कंपनियों ने डिलीट किए फेसबुक पेज
डाटा लीक प्रकरण सामने आने के बाद रॉकेट कंपनी स्पेसएक्स और इलेक्टिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला ने अपने फेसबुक पेज डिलीट कर दिए हैं.
वहीं, मोजिला ने अपना फेसबुक पेज डिलीट तो नहीं किया, लेकिन फेसबुक पर अपने विज्ञापन रोक दिए हैं.
इसी तरह, जर्मनी के कॉमर्जबैंक और स्पीकर व अन्य इलेक्टिॉनिक सामान बनाने वाली कंपनी सोनोस ने भी फेसबुक पर अपने विज्ञापन रोक दिए हैं.
फेसबुक डाटा लीक मामला
तड़के तीन बजे तक चली तलाशी, जांचकर्ताओं ने एकत्रित किए साक्ष्य
साक्ष्यों के आकलन के बाद ही अगले कदम पर होगा कोई फैसला