संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने 20 आरोपियों को बरी किया

एनटी न्यूज़ डेस्क/ विदेश

पाकिस्तान की एक अदालत ने एक ईसाई व्यक्ति और उसकी गर्भवती पत्नी को जिंदा जलाकर मार डालने के आरोपी 20 लेगों को बरी कर दिया है. इस घटना में दो नहीं बल्कि तीन लोगों की निर्मम रूप से साजिशन हत्या कर दी गयी थी. लेकिन पकिस्तानी अदालत ने अपने फैसले में उन सभी को बरी कर दिया जिसने उनके साथ यह जघन्य अपराध किया था.

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अदालत ने कर दिया बरी

लाहौर की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए शनिवार को शहजाद मसीह और उनकी पत्नी शमा की हत्या करने के 20 आरोपियों को बरी कर दिया. शहजाद और शमा लाहौर के बाहरी इलाके कोट राधा किशन में एक ईंट भट्टे पर मजदूरी करते थे.

ईशनिंदा का लगा था आरोप

नवंबर 2014 में कुछ लोगों ने उन पर ईशनिंदा करने का आरोप लगाया और उन्हें पीटा, फिर जिंदा जला दिया. इस दंपति पर पाक कुरान को अपवित्र करने का आरोप लगाया गया था.

एक स्थानीय धर्मगुरु ने ग्रामीणों को इस दंपति के खिलाफ कथित तौर पर उकसाया था. जिसके बाद करीब एक हजार लोगों की भीड़ ने उन्हें निर्ममता से प्रताड़ित किया और जलते भट्ठे में फेंक दिया.

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