एनटी न्यूज़ डेस्क / गोरखपुर / सुनील पाण्डेय
गोरखपुर के बुढ़िया माता के मंदिर में और मन्दिर परिक्षेत्र में प्रेमी जोड़ों का रुकना मना है, पूजा करें और जाए. प्रतिदिन हो रही घटनाओं से मजबूर होकर गाँव और मंदिर के प्रशासन द्वारा कुसम्ही जंगल में स्थित प्रसिद्ध बुढ़िया माई के मंदिर परिसर में प्रेमी जोड़ों के रुकने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्रेमी जोड़े को यह निर्देश दिया गया है कि मंदिर में पूजा करें और तुरंत निकल जाए, मंदिर के महंत का यहां फरमान सुर्खियों बंटोर रहा है.
लगाया चेतावनी बोर्ड…
महंत ने बकायदे इस फरमान को चेतावनी बोर्ड पर लिखवा दिया है. उनका कहना है कि आये दिन प्रेमी जोड़ों द्वारा अश्लीलता सामने आने पर उन्हें यह कदम उठाना पड़ा.
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गोरखपुर के जंगल में स्थित मंदिर…
बुढ़िया माई मंदिर कुसम्ही जंगल के बीचो-बीच स्थित है. मंदिर दो हिस्से में है. एक जंगल में तो दूसरा जंगल के बीच ये बहने वाले तुर्रा नाला के पार. जंगल में सुनसान स्थान होने की वजह से यह मंदिर प्रेमी जोड़ों को काफी आकर्षित करता है. यही कारण हैं कि अक्सर यहां प्रेमी जोड़ों से लूट की खबर भी सामने आती है.
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दर्शन स्थल को किया शर्मसार…
यहाँ दर्शन करने के बाद प्रेमी जोड़े जंगल में या फिर मंदिर के आस-पास बैठ कर घंटों बातें करते. इस दौरान उनकी अश्लील हरकतें भी सामने आती है.
ऐसे जोड़ों पर लुटेरों की निगाह भी होती है. वे उनका पीछा करते और पुलिस वाले बनकर उन्हें लूट लेते है. यही नहीं अश्लीलता की वजह से मंदिर में आने वाले अन्य श्रद्धालुओं तथा पुजारियों को भी शर्मिंदगी महसूस होती थी.
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उन्हें श्रद्धालुओं से भी शिकायत मिलती थी. इसे देखते हुए मंदिर के महंत की तरफ से एक चेतावनी बोर्ड पर लाल रंग से बड़े-बड़े अक्षरों में लिखवाया गया है कि प्रेमी-प्रेमिकाओं का यहां रुकना सख्त मना है, पूजा करें और चले जाए.
प्रेमी जोड़ो से मंदिर परिसर परेशान…
पुजारी रामचंदर ने बताया कि प्रेमी युगल की भीड़ और अश्लील हरकतों के चलते उन्हें यह चेतावनी बोर्ड लगाना पड़ा. बोर्ड लगाने के बाद प्रेमी युगल की हरकतों में कमी आई है. उन्होंने बताया कि परिवार के साथ आने वाले श्रद्धालु अक्सर इसकी शिकायत करते थे.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि जब प्रेमी युगल को यहां बैठने और अश्लील हरकतों से रोका जाता था, तो वे मारपीट पर भी उतारु हो जाते थे. कभी कभी रिवाल्वर भी निकाल
लेंते थे. हालत खून-खराबा तक पहुँच जाती थी. लेकिन बोर्ड के लगने के बाद से वह लोग अब यहां नहीं रुकते हैं. दर्शन के बाद चले जाते है.
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(यह खबर हमारे यहाँ इंटर्न कर रहे पत्रकारिता के छात्र विकास यादव ने सम्पादित की है, खबर का पूरा श्रेय जिला गोरखपुर रिपोर्टर सुनील पाण्डेय का है.)