उतरौला के उपजिलाधिकारी और राजस्व निरीक्षक ही करवा रहे हैं ‘अवैध कब्ज़ा’

एनटी न्यूज़ डेस्क/ बलरामपुर

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश भर एंटी भूमाफिया मुहीम चला रही है और इस मुहीम को प्रदेश सरकार के अधिकारी ही चुना लगाने में जुटे हुए हैं. यह खबर बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील से है. यहाँ के उपजिलाधिकारी बीएल सरोज और राजस्व निरीक्षक पर गंभीर आरोप लगे हैं कि ये नियमों की अनदेखी करके एक विशेष भावना से प्रेरित होकर दोषी को कब्ज़ा दिलवाने में लगे हुए हैं.

उपजिलाधिकारी बीएल सरोज और राजस्व निरीक्षक पर

उपजिलाधिकारी बीएल सरोज और राजस्व निरीक्षक पर ग्राम तख्तरवा की निवासी आभा त्रिपाठी पुत्री स्व. डॉ विश्वनाथ त्रिपाठी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उपजिलाधिकारी बीएल सरोज और राजस्व निरीक्षक पता नहीं किस जल्दी में है, वह बिना दोनों पक्ष को बताये ही भूमि को नपवा रहे हैं और नियमों के खिलाफ जाकर काम कर रहे हैं.

क्या है मामला…?

आभा त्रिपाठी के अनुसार गाँव के भूचित्र में उनकी जमीन गाटा संख्या 682 (अ) है, जो कि तीनों तरफ से चकरोड़ों से सटी हुई है. इस पर गाँव के पूर्व प्रधानपति राघव पुत्र शिवचरण कई सालों से अपना कब्ज़ा जमाते हुए खेत की तरफ बढ़ते आ रहे हैं. कई बार दोनों पक्षों द्वारा इस पर प्रशासन से शिकायत की गयी लेकिन सही नाप अभी तक नहीं हो पाया है.

आभा कहती हैं, अभी जब हाल ही में राघव इसे नपवाने के लिए दौड़-धूप की तो एसडीएम साहब ने पता नहीं किस जल्दी में होकर बिना नियमों की जाँच किये चकरोड और नाला निकालने का आदेश दे बैठे. उसके ऊपर राजस्व निरीक्षक साहब ने हमको या हमारे परिवार के किसी सदस्य को बिना बताए ही पूरे धन-बल के साथ पहुंचकर जमीन की नपाई भी कर डाली.

आभा कहती हैं कि एसडीएम साहब को एक बार कोई फैसला लेने से पहले राजस्व और भूमि मानचित्र की जाँच कर लेनी चाहिए और नियमों के मुताबिक कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन कार्रवाई होने से पहले बिना जांच के ही हमारे खेत पर प्रशासन अवैध कब्ज़ा करवाने पर तुला है.

आभा आगे कहती हैं कि हमारा चक (खेत) नियमों के उत्तर प्रदेश जोत चकबंदी मैनुअल के नियमों के मुताबिक नहीं है. राजस्व नक़्शे में गलती है, जिसे मैंने सही करवाने के लिए उपजिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया है.

उपजिलाधिकारी बीएल सरोज और राजस्व निरीक्षक पर
जमीन के मानचित्र की प्रति

तो प्रशासन ही करवा देगा अवैध कब्ज़ा…

नियमों के अनुसार किसी भी आबादी के साथ जोत वाले क्षेत्र में एक तरफ के बाद दूसरी तरफ चकरोड़ और नाली को पैरलर नहीं निकाला जा सकता है. यदि ऐसा करना बहुत जरुरी है तो उसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जो विशेष परिस्थितियों में इसे निकालने की संस्तुति दे सकती हैं.

आभा कहती है, अगर नियमों के विरुद्ध जाकर तहसील प्रशासन पूर्व प्रधानपति राघव को कब्ज़ा हमारे खेत पर कब्ज़ा करवाकर फिर हमारे खेत में से ही नाली और चकरोड़ निकलता है तो यह राजस्व कानूनों के खिलाफ होगा.

क्या कहते हैं एसडीएम…?

इस मामले पर जब हमने एसडीएम बीएल सरोज से बात की तो उन्होंने हमें कहा कि प्रशासन की मंशा है कि सभी जमीनों से अवैध कब्जे हटाये जाएं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस विवाद में किसी का नुकसान न हो. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि अगर चकबंदी के दौरान ही कोई गलती हुई है तो उसे सुधारा भी जाएगा.