पति और देवर की कंपनी को कर्ज देने के मामले में फंसी आईसीआईसीआई बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ चंदा कोचर के पद पर बने रहने पर सवाल उठने लगे हैं. एक तरफ जहां देश के इस दूसरे सबसे बड़े बैंक के कुछ शेयरधारकों ने चंदा कोचर की भूमिका पर सवाल उठाया है तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार भी इस बैंकिंग संस्थान की छवि को लेकर चिंतित हो रही है. रही-सही कसर रेटिंग एजेंसी फिच ने पूरी कर दी.
सोमवार को फिच ने आईसीआईसीआई बैंक पर जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बैंक में गवर्नेस को लेकर संशय पैदा हो चुका है. पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी ने विवाद उत्पन्न होने पर इस बैंक के बारे में अपनी राय दी है.
अगली बोर्ड बैठक में तय हो सकता है कोचर का भविष्य
चंदा के पति दीपक व देवर राजीव की कंपनी के वीडियोकॉन समूह से रिश्ते और इस उद्योग समूह को बैंक की तरफ से लोन देने का मामला बेहद उलझ गया है. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, बैंक के निदेशक बोर्ड की अगली बैठक बेहद अहम रहेगी, उसमें चंदा के भविष्य पर फैसला हो सकता है.
कुछ अहम शेयरधारकों ने बैंक की गिरती साख पर चिंताएं जता दी है. यहां तक कहा है कि कोचर का एमडी व सीईओ के पद पर रहने से बैंक की खोई प्रतिष्ठता बहाली में परेशानी होगी.
उधर, वित्त मंत्रलय आईसीआईसीआई में उपजे इस विवाद को लेकर चल रही जांच पर नजर बनाए है.
बैंक के शेयर में अब तक 8% की आ चुकी है गिरावट
मामले के सामने आने के बाद आईसीआईसीआई बैंक के शेयर भाव में आठ फीसद की गिरावट आ चुकी है. बैंक के बड़े संस्थागत निवेशक ऐसे कदम उठाने के पक्ष में हैं जिससे बाजार में भरोसा कायम हो सके.
इस विवाद के बाद बैंक के निदेशक बोर्ड की पहली बैठक में तो चंदा का समर्थन किया गया था लेकिन 28 मार्च, को हुई दूसरी बैठक में कुछ सवाल उठे थे.
बैंक की साख पर सवाल
फिच रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, आरोपों के चलते बैंक की साख पर सवाल उठना लाजिमी है. फिच ने चंदा कोचर को भी सवालों के घेरे में ले लिया है.
इसने कहा है कि बैंक के सीईओ का क्रेडिट कमेटी में शामिल होना, किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने से इन्कार करना, संदेह पैदा करता है. हो सकता है कि आने वाले दिनों में नियामक बैंक के खिलाफ कड़े कदम उठायें.
शिखा शर्मा के छोटे कार्यकाल का अनुरोध मंजूर
निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक ने कहा है कि उसके बोर्ड ने मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ शिखा शर्मा के दूसरे कार्यकाल की अवधि घटाने का अनुरोध मंजूर कर लिया है.
शर्मा ने दूसरे कार्यकाल की अवधि एक जून 2018 से 31 दिसंबर 2018 करने का आग्रह किया था.
बैंक ने बीएसई को रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि बोर्ड ने अनुरोध स्वीकार लिया है, लेकिन अंतिम मंजूरी रिजर्व बैंक से ही मिलेगी, जो शर्मा के लंबे कार्यकाल का प्रस्ताव नकार चुका है.