उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब सत्ता संभालने के बाद पहली बार अपने गृह जिले गोरखपुर में जनता को संबोधित कर रहे थे तब उन्होंने कहा था कि प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी. इसके साथ उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. लेकिन हो इसके उलट रहा है. आये दिन प्रदेश में भ्रष्टाचार के नए नए मामले प्रकाश में आ रहे हैं. अधिकारियों की पोल खुलने से सरकार की मुसीबतें बढ़ती जा रही है. ताजा मामला बलिया जिले का है. जहां के एक लेखपाल की ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है. डंके की चोट पर वह जनता से घूस लेने की बात करता सुनाई पड़ रहा है. दिलचस्प बात यह है कि वह सत्ता का धौस दिखाते हुए सरकार में अपनी पहुंच भी गिना रहा है.
क्या है मामला
दरअसल, मामला बलिया जिला के सदर तहसील का है, जहां तहसील के लेखपाल रणजीत सिंह जमीन की पैमाइश करने के बदले घूस मांग रहे हैं. साथ ही वह खुद को क्षेत्रीय नेता और संघ के नेताओं का संबंधी बता जनता को डरा धमका भी रहे हैं.
वायरल ऑडियो में साफ़ तौर पर सुना जा सकता है कि वह अपनी सत्ता के पैठ का इस्तेमाल कर कैसे घन उगाही कर रहे हैं. स्थानीय लोग मामले की शिकायत कई दफा सम्बंधित अधिकारी को कर चुके हैं लेकिन इनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
ऑडियो में क्या है
पीड़ित युवक से लेखपाल सख्त लहजे में पैसे की डिमांड कर रहे हैं. साथ ही वो अपनी पैठ बताते हुए पीड़ित को चैलेन्ज कर रहे हैं कि तुम जो कर सकते हो कर लो लेकिन मैं बिना पैसे लिए काम नहीं कर सकता.
किसी विधायक का जिक्र करते हुए बता रहे हैं कि विधायक-मंत्री से मैं बात नहीं करता. मेरी बात सीधे संघ में होती है. मेरा चाह कर भी कुछ नहीं कर पाओगे. मेरा काम मेरे हिसाब से होता है. चढ़ावे के पैसे लाओ तभी तुम्हारा काम होगा.
ऑडियो का लिंक-
https://drive.google.com/file/d/1Zp-_gzHPkzSwiNkEphuBvHe1KYilpHIz/view
जनसुनवाई पोर्टल पर कई बार हो चुकी है शिकायत दर्ज
जनसुनवाई पोर्टल लोगों की सहूलियत और मदद के लिए शुरू किया है लेकिन अब यहां जनता की समस्याएं सुनता कौन है, शिकायतों का अम्बार लगे होने के बावजूद भी पीड़ितों को यहां मदद नहीं मिल पाती.
ऐसा हम नहीं, ऐसा कहना है उन लोगों का जो यहां पिछले कई दिनों से अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं.
इस केस में भी पीड़ित ने इसी उम्मीद के साथ यहां शिकायत दर्ज कराई है लेकिन अभी तक उसपर कोई सुनवाई नहीं हुई. इससे पहले भी ऐसे कई मामले उजागर हुए हैं.
(इस मामले पर जब हमने अधिकारियों का पक्ष जानना चहा तो डीएम बलिया ने फ़ोन नहीं उठाया और एसडीएम सदर का फ़ोन बंद बताता रहा.)