अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पर महिला से अभद्रता का आरोप, जानिये पूरा मामला ?

एनटी न्यूज डेस्क/ लखनऊ 

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष तनवीर अहमद उस्मानी पर एक महिला अफसर ने अभद्रता का आरोप लगाया है। महिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में अफसर के पद पर तैनात है।

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में उप निदेशक के पद पर तैनात डॉ. अमृता सिंह ने निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण को इसकी लिखित में शिकायत की है। शिकायत मिलने पर निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण शेषमणि पाण्डेय ने इसे शासन में आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया है।

क्या बोले तनवीर अहमद उस्मानी 

डॉ. अमृता सिंह का आरोप है कि अभद्रता के बाद जब उन्होंने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करने की बात कही तो उस्मानी ने कहा कि यह बात किसी से मत कहना।

वहीँ दूसरी ओर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि वह हर प्रकार की जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। यह मेरे चरित्र हनन की कोशिश है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करा लें।

शिकायती पत्र के मुताबिक़ ..

बात 13 अप्रैल की है, जब डॉ. अमृता सिंह 16 अप्रैल को होने वाली अरबी-फ़ारसी बोर्ड की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लेने सुबह 3:30 पर अलीगढ़ से लखनऊ रवाना हुई। इस समय उनके साथ विभागीय स्टाफ भी था। इस कार्य को संपन्न कर वह पुनः रात को 8:30 पर लखनऊ से अलीगढ़ के लिए रवाना हुई।

इसी बीच लगभग साढ़े सात बजे एक अंजान नंबर से अमृता सिंह के पास एक कॉल आई, जिसमे उस व्यक्ति ने खुद को अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का निजी सचिव बताया। इस सचिव ने अमृता सिंह को आदेश देते हुए कहा कि आपको माननीय अध्यक्ष जी ने तुरंत अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के गेस्टहाउस नंबर -3 पर बुलाया है।

अलीगढ़ लौट रही अमृता सिंह ने अपनी पूरी लोकेशन बता उन्हें तुरंत मौके पर उपस्थित होने में असमर्थता बताई और यह भी कहा कि मै वापस आकर महोदय से भेंट करूंगी। इस पर उस सचिव ने अमृता सिंह को 14 फरवरी की दोपहर एक बजे आने का आदेश दे दिया।

इसके बाद रात 9 बजे के करीब जिलाधिकारी, अलीगढ़ के स्टाफ ने उनके कैम्प कार्यालय से फ़ोन कर उनसे कहा कि आपको तुरंत अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष तनवीर अहमद उस्मानी ने बुलाया है। इस पर अमृता सिंह ने उन्हें इस बात की जानकारी दी कि इस विषय में अध्यक्ष जी के सचिव से बात हुई है।

रात 2:30 बजे अलीगढ़ पहुंची…

डॉ. अमृता सिंह आधी रात करीब 2:30 बजे अलीगढ़ पहुंची। इसके बाद अगले दिन 14 फरवरी को सुबह 9:30 पर अमृता सिंह ने डॉ. भीमराव आंबेडकर की 127वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अपने कार्यों का जिम्मेदारी से कर रही अमृता कार्यक्रम के बाद कार्यालय पहुंची और परीक्षा सम्बन्धी कार्यों का निष्पादन करने लगी।

एक बजे का आदेश…

जैसा की आयोग के अध्यक्ष के सचिव ने अमृता को एक बजे अलीगढ़ मुस्लिम कॉलेज के गेस्टहाउस नंबर-3 पर बुलाया था, अमृता सिंह ठीक एक बजे अपने कार्यालय के वरिष्ठ सहायक रामलखन के साथ वहां पहुँच गयी.

अध्यक्ष ने जमकर लताड़ा…

वहां पहुँचते ही अध्यक्ष तनवीर अहमद उस्मानी ने उन्हें स्टाफ के सामने बुरी तरह लताड़ना शुरू कर दिया। अमृता सिंह की एक न सुनते हुए उनसे यह कहने लगी कि तुम मुझे स्टेशन रिसीव करने क्यों नहीं आयी।

अमृता सिंह जैसे ही अपनी बात को रखने की कोशिश करती, अध्यक्ष उन्हें भला-बुरा कहना चालू कर देते। हद तो तब हो गयी जब अध्यक्ष ने अमृता को कहा कि मैं तुम्हारा अलीगढ़ में रहना हराम कर दूंगा। तुम मुझे जानती नहीं हो कि पार्टी में मेरा क्या कद है।

रामलखन को दी माँ बहन की गालियाँ…

अध्यक्ष की बढ़ती बद्तमीजी को देख अमृता के साथ गये वरिष्ठ सहायक रामलखन ने जब अध्यक्ष से कहा कि साहब हम आज रात 2:30 बजे लखनऊ से वापिस आये हैं, फिर क्या अध्यक्ष ने रामलखन को माँ बहन की गन्दी गन्दी गलियां देते हुए कक्ष से बहार निकाल दिया।

थोड़ी देर बाद जो हुआ…

कक्ष में अकेली खड़ी अमृता सिंह के ऊपर अध्यक्ष ने चिल्लाते हुए बोला कि यहाँ बैठों मै अभी आता हूँ। करीब दस मिनट बाद अध्यक्ष 10 से 12 युवकों के साथ कमरे में वापस आया। अन्दर आते ही अध्यक्ष ने कक्ष के दरवाजे को अन्दर से बंद कर लिया।

अध्यक्ष के साथ आये युवकों ने सोफे पर बैठी अमृता को चारों तरफ से घेर लिया। इस सब को देख अमृता बुरी तरह घबरा गयी। इसके बाद युवकों के सामने अध्यक्ष ने बुरी-बुरी बातें और छींटाकशी करना चालू कर दिया।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव : बरामद 10 हज़ार फर्जी वोटर आईडी कार्ड का सच क्या है ?

यह सब देख साथ आये युवकों का भी हौसला बढ़ गया। फिर क्या ये युवक भी अमृता से अमर्यादित व्यवहार करने लगे। फब्तियां कसती और हँसते हुए ये युवक अमृता से बोले, जैसा हम चाहेंगे वैसा ही आप करेंगी।

आपको कल माननीय अध्यक्ष महोदय को स्टेशन लेने खुद आना चाहिए था।सरकारी काम-काज तो हमेशा चलते रहती है। सबसे महत्वपूर्ण कार्य माननीय अध्यक्ष महोदय का प्रोटोकॉल है। लगता है आपको नौकरी करना नहीं आता यह भी हमें ही सिखाना पड़ेगा।

अमृता सिंह की हिम्मत…

चारों ओर युवकों और एक अध्यक्ष के बीच घिरी अमृता ने खुद का संयम ना खोते हुए कहा कि यदि एक अकेली महिला अधिकारी को इस प्रकार गेस्टहाउस में बुलाकर इतने सारे पुरुषों के सामने घेरकर बेज्जत किया जाएगा तो मैं इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करूंगी.

मुख्यमंत्री से शिकायत की बात पर अध्यक्ष सकपका गया और मौजूद युवक भी घबरा कर किनारा काटते हुए नजर आने लगे। इसी बीच किसी ने कक्ष का गेट खटखटाया।

किसी से कहना नहीं…

गेट को खटखटाते ही अध्यक्ष ने अमृता सिंह को बाहर जाने के लिए कहा। जिस आदमी ने गेट खटखटाया था वह एक पत्रकार था। उसे देखते ही अमृता के कान के पास आ अध्यक्ष बोले यह पत्रकार है इससे कुछ ना बोलना।

वहीं मौके पर मौजूद लड़के, उन्हें बहन के नाते समझाने का हवाला देते हुए नजर आये। कक्ष के बाहर आते ही अध्यक्ष थोड़ी देर तक उनकी पीछे- पीछे गये और मुख्यमंत्री या किसी और से शिकायत ना करने की मिन्नत करने लगे और कहने लगे आज की बात का जिक्र वह किसी से ना करें।

यूपी पुलिस के इस एसपी ने इनाम में मिले एक लाख रुपए अनाथ बच्चों को दिए

Advertisements