वाराणसी पुल हादसा : नैनों सेकेंड में हुए हादसे ने खड़े किये कई सवाल

एनटी न्यूज़ डेस्क / वाराणसी / शिवम् बाजपेई

मंगलवार की शाम तक़रीबन पांच बजे वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के 100 मीटर की दूरी पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक बीम ढह गया. इस बीम ने 18 लोगों को निगल लिया. जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गये. 200 मीटर लम्बे और 100 टन भारी इस खूनी बीम ने कई सवाल खड़े कर दिए.

खूनी मंजर…

वाराणसी निर्माणाधीन फ्लाईओवर का बीम गिरने से 18 लोगों की मौत हो गई. बीम के गिरने से कोहराम मच गया. प्रत्यक्षदर्शीयों के मुताबिक एक जोरदार धमाके के साथ फ्लाईओवर का बीम गिरा. आपको बता दें कि नैनों सेकेण्ड में मौत असमान से यूँ बरसी कि बचने का कोई मौका नहीं मिला.

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200 मीटर लम्बे इस बीम की चपेट में 6 कार, 1 मिनी बस, 1ऑटोरिक्शा, मोटरसाइकिल समेत कई पैदल यात्री भी आ गए.

निर्माणकार्य और जाम…

फ्लाईओवर या सड़क निर्माण के समय जाम की स्थिति बनी रहती है. ऐसी ही स्थिति थी वाराणसी कैंट स्टेशन के पास बन रहे फ्लाईओवर के पास. जहाँ जाम लगा हुआ था. तभी पुल की एक बीम ढह गयी. जिससे हादसे ने बड़ा रूप ले लिया. बीम की चपेट में आई गाड़ियां बीम ऐसे बीम से चिपक गयी.

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देर रात बचाव कार्य जारी रहा

बड़ी लापरवाही…

वाराणसी के कैंट स्टेशन के पास सिगरा थाना क्षेत्र में हुआ यह हादसा एक बड़ी लापरवाही की पुष्टि करता है. इस निर्माणाधीन पुल की इस बीम को दो दिन पहले ही रखा गया था. इस पुल पर स्लैब को जोड़ने का काम चल रहा था, इसके बावजूद नीचे से ट्रैफिक गुजरता रहा. प्रशासन ने ट्रैफिक नहीं रोका. यह लापरवाही आम लोगों पर भारी पड़ी.

इस हादसे में 34 लोगों के हताहत होने की खबर है. वहीं जान माल का भारी नुकसान हुआ है.

इतना बड़ा हादसा और देरी…

मौके पर मौजूद एक चश्मदीद ने बताया, कि  हादसे के करीब आधे घंटे बाद राहत-बचाव दल पहुंचा. हादसे के बाद मौके पर आला अफसर मौके पर पहुंचे. पुलिस के साथ एनडीआरएफ की टीम ने राहत कार्य शुरू किया. गिरे हुए पिलर को क्रेन की मदद से हटाने का काम शुरू किया.

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सरकार एक्शन में…

हर बार कोई बड़े हादसे के बाद ही सरकार एक्शन में आती है तो इस बार भी वही हुआ. प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने 48 घंटे में हादसे की रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन किया. इस जाँच समिति के अध्यक्ष राज प्रताप सिंह (कृषि उत्पादन आयुक्त, यूपी) होंगे. समिति के अन्य सदस्य भूपेंद्र शर्मा (प्रमुख अभियंता और विभागाध्यक्ष सिंचाई विभाग) और राजेश मित्तल (प्रबंधक निदेश जल निगम) हैं.

चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर सहित चार सस्पेंड..

वहीं, देर रात वाराणसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने फ्लाईओवर के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एचसी तिवारी, मैनेजर केआर सूदन, असिस्टेंट इंजीनियर राजेश और अपर इंजीनियर लालचंद को निलंबित किए जाने की जानकारी दी. राज्य सेतु निगम पर घटिया सामग्री लगाने का आरोप सामने आ रहा है.

अक्टूबर, 2015 से शुरू हुआ था पुल निर्माण का काम

वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  का संसदीय क्षेत्र है और सिगरा थाना क्षेत्र के लहरतारा इलाके में इस फ्लाईओवर के निर्माण के लिए 2 मार्च, 2015 को 12973.80 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई थी.अक्टूबर 2015 में पुल बनना शुरू हुआ.

पुल का निर्माण पूरा करने की सीमा अक्टूबर 2018 तय थी, लेकिन अब तक 47 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है.  पुल को बनाने का काम उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम द्वारा किया जा रहा है।

खड़े हो रहे हैं ये सवाल..

2019 आम चुनाव से पहले निर्माण पूरा करने का दबाव था?

पहले पुल का काम अक्टूबर 2018 में पूरा होना था, लेकिन देरी के कारण इसकी अवधि बढ़ाई गई थी. 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले एक किमी लंबे इस फ्लाईओवर का निर्माण पूरा करने का दबाव था.

जब निर्माण हो रहा था तो ट्रैफिक क्यों नहीं रोका?

जब निर्माण कार्य चल रहा था तब उसे क्षेत्र में ट्रैफिक को क्यों नहीं रोका गया था? रात की बजाए दिन में काम क्यों हो रहा था? दिन में काम होने के कारण कोई भी सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं किए गए?

हैवी व्हीकल की एंट्री क्यों नहीं रोकी गई?

कैंट रेलवे स्टेशन से 100 मीटर की दूरी होने के कारण यह इलाका भीड़भाड़ वाला है. घटनास्थल से 600 मीटर की दूरी पर वाराणसी रोडवेज का बस स्टैंड है. इसके बावजूद दिन में हैवी व्हीकल (बड़ी गाड़ियां) की एंट्री बैन क्यों नहीं की गई?

राष्ट्रपति ने भी प्रकट की संवेदनाएं

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘वाराणसी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर हादसे की जानकारी मिलने से काफी दुख पहुंचा है. हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवदेनाएं हैं. स्थानीय प्रशासन सभी प्रभावित लोगों की मदद और राहत कार्यों में जुट गया है.’

प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर जताया दुख

प्रधानमंत्री ने हादसे में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, वाराणसी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर गिरने से बेहद दुखी हूं. मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. मैंने अधिकारियों से बात कर पीड़ितों को पूरा सहयोग देने के लिए कहा है.

अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, मैंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से घटना के संबंध में बात की है। यूपी सरकार स्थिति पर पूरी तरह नजर बनाए हुए है और राहत एवं बचाव के लिए सभी जरूरी कदम उठाने में मदद कर रही है.

विपक्ष का हमला…

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “देश के सबसे अधिक ध्यान दिए जाने वाले लोकसभा क्षेत्र में विकास की यह हकीकत है. मंत्री इस क्षेत्र में आकर नियमित निरीक्षण करते हैं. क्या यह घटना हादसा है या भ्रष्टाचार की देन है. राज्य सरकार को वाराणसी की जनता को इसका जवाब देना चाहिए.”

एक अन्य ट्वीट में अखिलेश ने सपा कार्यकर्ताओं से राहत-बचाव में प्रशासन की मदद की अपील की और घटना की ईमानदारी से जांच की मांग की.

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