एनटी न्यूज़ डेस्क / लाइफस्टाइल / श्रवण शर्मा
उम्र बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता, लेकिन समय से पहले बढ़ती उम्र या बुढ़ापे के लक्षणों को सामने आने से रोका जा सकता है. दरअसल जब तक शरीर कि कोशिकाओं का पुननिर्माण ठीक तरह से होता रहता है तब तक शरीर युवा बना रहता है, और बुढ़ापा दूर रहता है. जब इस प्रक्रिया में कोई दिक्कत आती है तो कोशिकाओं कि पुनर्निर्माण कि प्रक्रिया धीरे होने लगती है. इसका असर चेहरे पर झुर्रियों, आँखों के नीचे कालापन, बालों के रूखेपन के रूप में दिखता है. इन समस्याओं को बेहतर खानपान से काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. वह कौन सी चीजें हैं जिनके उपयोग से बुढ़ापे के लक्षणों को रोका जा सकता है जानते है इनके बारे में…
टमाटर और तरबूज
टमाटर और तरबूज लाइकोपेन के श्रोत माने जाते हैं, लाएकोपेन फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करने के साथ ही कैंसर कि आशंका भी कम होति है. इनमें मौजूद एंटीआक्सीडेंट्स त्वचा को धूप से होने वाले नुकसान से बचाते हैं. पकाए गये टमाटर से शरीर को अधिक एंटीआक्सीडेंट्स मिलते हैं.
लहसुन और प्याज
आयुर्वेद में प्याज और लहसुन को खाने वाली चीज के बजाए औषधि के रूप में माना गया है. दोनों ही खून साफ़ करते हैं. लाश्सुं प्याज में एलियम होता है जो फ्री रेडिकल्स का सामना करने का ताकतवर हथियार है. ये केवल एन्जिंग का सामना करने का ताकतवर हथियार है. ये न केवल एन्जिंग का सामना करते हैं बल्कि शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूती देते हैं. पित्त दोष वाले मरीज इसका सेवन ना करें.
जामुन
अमेरिका कि यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फूड एंड एग्रीकल्चर साइंसेज कि एक रिसर्च के मुताबिक़ जामुन खाने से कैंसर का खतरा कम होता है. ये दिल से जुड़ी बीमारियों के होने कि आशंका को भी कम करता है. इसमें एंटीआक्सीडेंट्स कि अच्छी मात्रा होती है, जो कई बीमारियों से बचाव और रोकथाम में सहायक हैं.
बीन्स
सभी तरह के बीन्स एंटीआक्सीडेंट्स का समृद्ध स्रोत है सोयाबीन में आइसोफ्लेवंस होता है जिसमें एंटी एजिंग गुण होते हैं.ये कैंसर, बैड कोलेस्ट्राल और आस्टियोपोसिस कि रोकथाम में सहायक होते हैं. हरी बीन्स में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो डायबिटीज को बढ़ने से रोकता है. हरी बीन्स में मौजूद पोशक तत्व कोशिकाओं को होने वाले नुकसान कि मरम्मत कर नई कोशिकाओं के बनने कि प्रक्रिया को तेज करता है.
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