एनटी न्यूज़ डेस्क / बस्ती
वृंदावन धाम से आए मानस मर्मज्ञ तुलसी जी महाराज ने झारखंडेश्वरनाथ धाम गायघाट में श्री राम महायज्ञ के दौरान राम कथा की अमृत वर्षा की.
इस दौरान तुलसी जी महाराज ने मधुर ध्वनि में कथा वाचन करते हुए बताया कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे। मर्यादा पालन में उन्होंने बहुत दुःख सहे। पिता की आज्ञा पर वनवास गए और जनता की आवाज पर पत्नी का त्याग किया। भगवान राम ने मर्यादा का पालन कर समाज को अनुपम सन्देश दिया है।
काम, क्रोध और लोभ…
राम कथा का विस्तार देते हुए तुलसी जी महाराज ने भगवान राम के वनवास के तीन कारण बताये। उन्होंने कहा कि काम, क्रोध और लोभ तीनों ने मिलकर रामराज्य की जगह रामवनवास करा दिया। तुलसी जी महाराज ने यहाँ हजारों की संख्या में मौजूद श्रृद्धालुओं को राम भक्ति में भाव विभोर कर दिया।
इस दौरान भजनों और कीर्तन की मधुर महौल के बीच भक्त पंडाल में थिरकने को मजबूर हो गए।
भगवान जरुर मिलते है…
रामकथा की अमृत वर्षा करते हुए तुलसी जी महाराज ने कहा कि नारायण प्रतीक्षा व प्रेम के भाव से मिलते हैं। जिनके अंदर सेवा, भाव, भक्ति और सरलता रहती है। उन्हें भगवान जरूर मिलते है।