एनटी न्यूज़ डेस्क / मथुरा / बादल शर्मा
29 मई को मथुरा के लाडपुर को अपने लाडले के खोने का गम इस कदर था कि हर किसी के आँखों में आंसू और मुख से करुण आवाज निकल रही थी, क्योंकि भारत माँ की रक्षा करते हुए विक्रम सिंह अधाना शहीद हो गये थे. जिनके पार्थिव शरीर को उनके गाँव जब लाया गया तब उनकी मौत की खबर से शोक में डूबे गाँव की करुणा उफान पर आ गयी. मंगलवार देर शाम इस वीर को श्रृद्धांजलि देने और उनके परिजनों से मिलने पहुंचे रालोद पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी. जिनके साथ शहीद स्वाभिमान यात्रा के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह भधूरी भी परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे.
सरकार से नाराज परिजन…
छाता तहसील के गांव लाड़पुर निवासी सेना के जवान विक्रम सिंह अधाना आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. वो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा सेक्टर में पेट्रोलिंग कर रहे थे. इसके बाद 29 मई को उनका पार्थिव शरीर उनके गाँव लाया गया. जहाँ राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गयी.
इस मौके पर शहीद की अंतिम यात्रा में कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा और लक्ष्मी नारायण चौधरी समेत हजारों लोगों ने हिस्सा लिया था. वहीं सरकार ने परिजनों को 20 लाख रुपए देने की घोषणा की थी इसके बाद मंगलवार को जब आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी जब शहीद के परिजनों से मिले तब परिजनों ने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को जमकर कोसा.
शहीद विक्रम सिंह की पत्नी रचना ने कहा क्या मेरे पति की कीमत 20 लाख रुपए हैं जो देश के लिए शहीद हो गए. क्या मेरा 20 लाख रुपए से पूरी जिंदगी गुजारा हो जाएगा या तो हमें कोई सरकारी नौकरी उपलब्ध कराएं या मेरा पूरा खर्च दिया जाए.
उस दिन के बाद से कोई नहीं आया…
शहीद विक्रम सिंह के चचेरे भाई से बात की तो उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंप या कोई गैस एजेंसी हमें मिले और एक शहीद विक्रम सिंह के नाम से इस गांव को जाना जाए और छाता से शेरगढ़ रोड पर एक शहीद का गेट बनवाया जाए.
वीरों को सलाम…
शहीद के परिवार को सांत्वना देने पहुंचे जयंत चौधरी ने वीर विक्रम सिंह अधाना के चित्र में माल्यार्पण किया और मौन रह उन्हें श्रृद्धांजलि दी. उन्होंने कहा देश का नौजवान जब देश की रक्षा और हमारी रक्षा करते हुए शहीद होता है तो यह ह्रदय को कुंठित कर देता है. मै ऐसे तमाम वीर योद्धाओं को सलाम करता हूँ.
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स्वाभिमान यात्रा को लेकर चल रहे सुरेंद्र सिंह ने कहा कि सबसे पहले सरकार उन शहीद सैनिकों के परिजनों का एक शहीद कार्ड बनवाए जिसमें सबसे पहले उन को प्राथमिकता दी जाए. उनके बच्चों को फ्री पढ़ाया जाए और उन पर जो टैक्स लगता है, उनसे मुक्ति दिलाई जाए. क्योंकि एक सैनिक हमारी देश की रक्षा करते करते शहीद हो जाता है सरकार को उनके परिवार के लिए सोचना चाहिए और उनके परिजनों की सारी मांगों को पूरी करना चाहिए.