एनटी न्यूज डेस्क/ लखनऊ
मोदी सरकार के सवर्णों को दिए जाने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण के फैसले को लेकर यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. अनूप पटेल फ्लॉप बताया है। डॉ. अनूप पटेल ने कहा कि भाजपा ने लोकसभा के चुनाव से पहले 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण कर दिया। पहले तो ये जान लीजिये कि जो 8 लाख रुपये तक की वार्षिक आय का गरीब है, वो सब पात्र होंगे- ठाकुर, ब्राह्मण, सैयद, पठान,कायस्थ, बनिया, पटेल, जाट, मराठा, रेड्डी इत्यादि।
उन्होंने कहा कि असल मे मोदीजी ही मोदी सरकार को हरा रहे हैं। मोदी सरकार ने जो दो करोड़ रोजगार प्रति वर्ष देने का वादा किया था वो जुमला निकला। किसान को अनाज के दाम के बदले मंदसौर में गोलियां मारी। इन दो वर्गों में भाजपा के प्रति बड़ी नाराजगी है।
डॉ. पटेल ने कहा कि इसके बाद शुरुआत हुई दलितों के SC/ST एक्ट के लेकर भारत बंद से। ये बंद प्रभावी रहा था। इस बंद से हिंदी पट्टी के राज्य पूरी तरह से प्रभावित रहे थे। बंद के दौरान कई दलितों ने जान गवाईं। दलितों को साधने के लिये मोदी सरकार ने SC/ST एक्ट में संशोधन किया। जिससे सवर्ण नाराज हो गया और उसने भी भारत बंद किया। भाजपा का सवर्ण मतदाता के एक हिस्से ने दो राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश में नोटा दबाया।
डॉ. पटेल ने कहा कि सवर्णो को साधने के लिये 10% आरक्षण का विधेयक ले आये। कांग्रेस सहित अधिकतर विपक्षी दलों ने समर्थन दिया। जबकि मोदी सरकार को उम्मीद थी कि इसका विरोध होगा। देश का सवर्ण वर्ग सबसे ज्यादा राजनीतिक समझ रखता है, वो जान रहा है कि ये बिल चुनावी शिगूफा मात्र है । रोजगार-सृजन के बिना आरक्षण का वादा गरीब सवर्णो के साथ करारा मज़ाक है।
इस बिल से एक चीज जरूर हुई है कि आरक्षण को मेरिट का हत्यारा या “भीख” जैसे नरेटिव्स नलिफाई हो गये है।
जब से ये मसौदा पेश हुआ है, ओबीसी वर्ग में बेचैनी बढ़ सी गयी है। 2014 के आम चुनाव में तथाकथित ओबीसी मोदीजी को देश के पिछड़ा वर्ग ने बहुतायत में वोट दिया था,लेकिन इस बिल के बाद अब ओबीसी आबादी के आधार पर आरक्षण की मांग कर रहे है तथा जाति-जनगणना के आंकड़े रिलीज करने की मांग बढ़ रही है। ओबीसी वर्ग के बीच भाजपा विरोधी चिंगारी तेजी से फैल रही है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में मोदी सरकार पर ये शेर बिल्कुल फिट बैठता है
न खुदा मिले न विसाले सनम।
इस बार शिकारी खुद यहाँ शिकार हो गया।