एनटी न्यूज़ / लखनऊ
कुछ दिन पहले तक सोशल मीडिया से दूरी रखने रखने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती अब ट्वीटर पर आ चुकी हैं.
Hello brothers and sisters. With due respect let me introduce myself to the Twitter family. This is my opening and inauguration. @sushrimayawati is my official Twitter handle for all my future interactions, comments and updates. With warm regards. Thank you.
— Mayawati (@Mayawati) January 22, 2019
बुधवार को इसका औपचारिक ऐलान भी कर दिया गया. बीएसपी के एकलौते मीडिया पैनेलिस्ट सुधींद्र भदौरिया ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है.
सुश्री बहन मायावतीजी भारत की जनता की सबसे ताक़तवर और बुलंद आवाज़ हैं,तहे दिल से सभी लोग उनका स्वागत करते हैं,उनके सोच और विचार से भारतवासियों को नई आशा और दिशा मिलेगी ऐसा हमारा विश्वास है।परमपूज्य बाबा साहब व मान्यवर काशीरामजी का शोषणमुक्त व समतामूलक भारत का सपना ज़रूर पूरा होगा। https://t.co/Uf8oYwRA4H
— Sudhindra Bhadoria (@SudhinBhadoria) February 5, 2019
उन्होंने मायावती के एकाउंट से हुए ट्वीट को साझा करते हुए लिखा है, ‘सुश्री बहन मायावतीजी भारत की जनता की सबसे ताक़तवर और बुलंद आवाज़ हैं,तहे दिल से सभी लोग उनका स्वागत करते हैं,उनके सोच और विचार से भारतवासियों को नई आशा और दिशा मिलेगी ऐसा हमारा विश्वास है।
हालांकि ये अकाउंट पिछले कई दिन से चल रहा था लेकिन सुधींद्र भदौरिया के ट्वीट से चर्चा में आया.बुधवार को इसे ट्वीटर की ओर से ब्लू टिक (वेरीफाइड) भी कर दिया गया.
तेजस्वी की गुजारिश पर किया जाॅइन
उनके ट्विटर हैंडल पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बधाई भी दी है. साथ ही उन्होंने ट्विटर से जुड़ने के अनुरोध को स्वीकार करने को लेकर खुशी भी जतायी है. तेजस्वी ने ट्वीट करके ये जानकारी दी है कि जब उनकी मायावती से लखनऊ में मुलाकात हुई थी तब उन्होंने ट्वीटर पर आने की गुजारिश की थी. समर्थक अखिलेश की तरह तेजस्वी को ‘बुआ’ मायावती का ‘भतीजा’ ही मानते हैं.
Finally glad to see you here. Happy that you acknowledged and respected my request of joining twitter during our meeting in Lucknow on 13th January. Warm Regards https://t.co/SzHlRkBPAB
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 5, 2019
पुराने सभी अकाउंट्स को बताया था फर्जी
पिछले साल मायावती ने सोशल मीडिया पर पार्टी के फर्जी अकाउंट को लेकर कड़ा रुख अख्तिार किया था. उन्होंने बसपा और अपने नाम से चल रहे सभी फेसबुक पेज और ट्विटर अकाउंट को फर्जी बताया है। बसपा प्रमुख ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी की पूरे देश में न तो कोई अधिकृत वेबसाइट है, और न ही किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट है.
उन्होंने कहा था कि बसपा ने मीडिया में अपना पक्ष रखने के लिए वरिष्ठ नेता सुधींद्र भदौरिया को अधिकृत किया है. उनके अलावा किसी अन्य नेता को बसपा की ओर से कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है.
आखिर क्यों बदलना पड़ा फैसला
कुछ वक्त पहले सोशल मीडिया को पसंद न करने वाली मायावती को आखिर क्यों अपना फैसला बदलना पड़ा इसकी चर्चा हर ओर है. सूत्रों की मानें तो गठबंधन भी इसका अहम कारण है. सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ट्वीटर पर काफी एक्टिव है. वहीं दोनों पार्टियों को इस बार मिलकर चुनाव लड़ना है.