भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी

एनटी न्यूज / लखनऊ डेस्क

राम नवमी का त्योहार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष यह तिथि 14 अप्रैल को है. इसी तिथि को भगवान राम का अवतार हुआ था. त्रेता युग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने के लिए भगवान विष्णु ने राम का अवतार ले रावण को समाप्त कर धर्म को स्थापित किया. श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में अयोध्या के राजा दशरथ के महल में उनकी रानी कौशल्या के गर्भ से हुआ था.

 

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श्री राम का अवतार

वाल्मीकि रचित रामायण और महाकवि तुलसी रचित श्रीरामचरितमानस के अनुसार, दशरथ की संतान नहीं थी. एक दिन वो व्याकुल हो उठे और अपने गुरु वशिष्ठ के पास जाकर सारे दुख-सुख सुनाए. इसके बाद वशिष्ठ मुनि ने शृंगी ऋषि को बुलाकर कामेष्टि यज्ञ कराया. यज्ञ से मिले प्रसाद को उन्होंने सभी रानियों को दिया.

रानियों ने प्रसाद लेकर गर्भ धारण किया. समय बीतने के साथ ही चैत्र शुक्ल की नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र व कर्क लग्न में अयोध्या के राजा दशरथ के महल में श्री राम प्रकट हुए.