दीप्ति ( वरिष्ठ पत्रकार )
उन्नाव केस मामले में पीड़ित परिवार के साथ हर किसी की सहानुभूति है लेकिन कुछ लोगों द्वारा भावावेश में अनसुना किए जा रहे कुछ तथ्य पर भी निगाह डालना जरूरी लगता है।
पहला तथ्य
बार-बार यह कहा जा रहा है कि ट्रक ने कार को सामने से टक्कर मार दी जबकि घटनास्थल पर मौजूद लोग और तस्वीरें यह बताती हैं कि कार ट्रक के पिछले पहिए में घुसी थी यानी ट्रक और कार में सामने से टक्कर नहीं हुई । यह दो ही स्थितियों में हो सकता है, पहला जब ट्रक कार के सामने आड़ा तिरछा खड़ा हो और स्पीड में आ रही कार उसके पिछले पहिए में टक्कर मार दे। दूसरा कार और ट्रक बगल से गुजर रहे हो और कार चालक नियंत्रण खो दें और ट्रक के नीचे घुस जाए इससे यह प्रथम दृष्टया हादसा ही लगता है।
दूसरा तथ्य
बार-बार यह कहा जा रहा है कि सेंगर ठाकुर है इसलिए बचाया जा रहा है। तथ्य ये भी है कि दूसरा पक्ष भी ठाकुर ही है और सेंगर के परिवार का ही है।
तीसरा तथ्य
तीसरी बात है जो बार-बार कही जा रही है कि पुलिस ने दोषी पाया इसलिए सेंगर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। सच्चाई यह है कि पीड़ित पक्ष के सिर्फ आरोप पर बिना किसी प्राथमिक जांच के सेंगर को आरोपी बनाया गया है। आगे जांच में अगर साजिश में सेंगर का हाथ पाया गया तो उस पर कार्रवाई होती रहेगी अन्यथा उसका नाम बाहर निकाल दिया जाएगा। यह सिर्फ मीडिया के दबाव के कारण आरोप पर एफआईआर दर्ज की गई।