एनटी न्यूज़डेस्क/लखनऊ
अपनी स्थापना के शताब्दीवर्ष माना रहे लखनऊ के प्रतिष्ठित शिया पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज की विशिष्ट व्याख्यान श्रृंखला में बोलते हुए डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अलका सिंह ने अपने वक्तव्य ” प्रोफेशनल डायलॉग एंड कम्युनिकेशन : लैंग्वेज एंड लिटरेरी पर्सपेक्टिव” के अन्तर्गत संवाद कौशल पर विभिन्न शोधों का जिक्र किया और व्यावसायिक संचार तथा साहित्यिक पाठों एवम् सर्जनाओं में भाषा एवम् संचार के विविध आयामों पर प्रकाश डाला ।
उन्होंने बताया कि ” संचार अध्ययन की सीमा किसी एक डिसिप्लिन में संकुचित नहीं है , इसका विस्तार एक समुद्र की भांति सभी अन्य ज्ञान क्षेत्रों को समाहित करते हुए एक विशाल संरचना का निर्माण करता है जिसे टेक्निकल टर्म में अंतर्विषयक शोध करने वाले विद्वान एवम् अध्येताओं को आकृष्ट करने की महान शक्ति है ।
विशिष्ट व्याख्यान वेबिनार
इस विशिष्ट व्याख्यान वेबिनार में शिया कालेज बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के अध्यक्ष एवं काशी विद्यापीठ वाराणसी के अंग्रेज़ी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अज़ीज़ हैदर , प्रबंधक श्री अब्बास मुर्तजा शम्सी ,श्री मौलाना यासूब अब्बास ,श्री मौलाना डॉ एजाज अब्बास , डॉ एम एम अबू तय्यब, अंग्रेज़ी विभाग की अध्यक्षा डॉ समीना शफीक , डॉ ज़र्री ज़हरा, डॉ एस एम आबिद रिज़वी , डॉ एस बेग तथा विभन्न संस्थानों के शिक्षक छात्र एवम् छात्राओं ने चर्चा परिचर्चा में भाग लिया। इस विशिष्ट व्याख्यान में बोधगया से राहुल कुमार सिंह , दरभंगा से डॉ पूजा झा ,छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र से डॉ संजय विट्ठल बाविस्कर ,लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रजी विभाग की श्रुति मिश्रा ,इंडोनेशिया से एलेक्जैंडर मैक्सिमिलियाना जैसे अध्येताओं एवम् विद्वानों ने भी प्रतिभाग किया ।
दृष्टिकोण से अमल में लाया जा सकता है
प्रो संजय विट्ठल बविस्कर ने बताया कि उक्त व्याख्यान में संवाद कला का ऐतिहासिक एवं विश्लेषणात्मक निरूपण किया गया। मगध विश्वविद्यालय बोधगया के अंग्रेजी विभाग के छात्र राहुल कुमार व्याख्यान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि” डॉ अल्का सिंह ने ‘व्यावसायिक संवाद तथा संचार एवं भाषा के साहित्यिक परिपेक्ष पर बेहद ही उल्लेखनीय एवं महत्त्वपूर्ण व्याख्यान दिया| उन्होंने संवाद एवं संचार के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे इसका प्रभाव न केवल वैज्ञानिक स्तर पर बल्कि और भी दृष्टिकोण से अमल में लाया जा सकता है |
स्थापना का शताब्दी वर्ष माना रहा
एक्सप्रेशन इन लैंगवेज़ेज़ एंड आर्ट फाउंडेशन के सचिव डॉ कुलवंत सिंह ओआलोच्य व्याख्यान वैज्ञानिक सोच ,सारगर्भित ज्ञान एवं प्रवाह लगा ,वहीं रायपुर की शिक्षिका डॉ शुभ्रा तिवारी ने ज्ञानपरक एवम् उपयोगी बताया। शिया पोस्टग्रेजुएट कॉलेज जो अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष माना रहा है , ने इस वर्ष के प्रारंभ से ही विशेष व्याख्यानों की श्रृंखला प्रारम्भ की थी । वर्तमान महामारी के दौर में भी ऑनलाइन माध्यम से महाविद्यालय अपनी ज्ञान श्रृंखला जारी रखे है।