कमिश्नर ऑफिस को बना दिया राशन बैंक, ऐसे ही सुनियोजित एवं मानवीय ढंग से नोएडा कमिश्नर के नेतृत्व में कोरोना से जंग लड़ रही है नोएडा पुलिस

एनटी न्यूज डेस्क / नोएडा

कोरोना संक्रमण काल के दौरान कमिश्नर ऑफिस को राशन बैंक बना दिया गया। जहां से 70 हजार से अधिक घरों तक जरूरत का सामान फ़ोन पर बातचीत से या ट्वीट के माध्यम से पहुंचाया गया। नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के नेतृत्व में नोएडा पुलिस सुनियोजित एवं मानवीय ढंग से कोरोना से जंग लड़ रही है।

उन्होंने दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर प्रवासी मजूदरों के जुटने के बाद पैदा हुए हालातों को उन्‍होंने सहजता से संभाला। उन्होंने कहा कि जब मजदूर जुटे तो 95000 मजदूरों को डेटा बैंक बनाकर उन्हें गंतव्य तक भेजने की व्यवस्था की गई। कहीं कोई हिंसा या किसी तरह की अप्र‍िय घटना नहीं हुई। इसी तरह 1600 छात्रों का डेटा तैयार किया गया और उन्हें भी घरों को भेजा। जिला प्रशासन और अधिकारियों के बेहतर समन्वय से कोरोना के विरुद्धा एक मजबूत सिस्टम खड़ा है।

एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत के दौरान नोएडा पुलिस कमिश्नर ने बताया कि कोरोना संक्रमण के शुरुआती चरण में उन्होंने इस विषय को समझ लिया था कि लोग अपनी जरूरत के सामान के लिए पुलिस से मदद मांगेगे, जिसके बाद हम हमने कमिश्नर ऑफिस की बिल्डिंग को ही राशन बैंक में तब्दील कर दिया।

आलोक सिंह ने कहा कि मार्च के पहले हफ्ते में जब कोरोना ने पैर पसारने शुरू किए थे तब ही नोएडा पुल‍िस ने आगामी खतरे को भांपते हुए अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। इस चुनौती के लिए पहले पुलिस के जवानों को तैयार किया गया। उन्हें एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर) बनाकर बाकायदा प्रशिक्षण दिया गया ताकि दूसरों को बचाने में पुलिसकर्मी खुद संक्रमित ना हों।

इसी तरह प्रदेश में सबसे पहले हेजार्डस मैटेरियल सूट ‘हेजमेट सूट’ खरीदने की योजना बनाई गई। इसके बाद 25 रिस्पॉन्स टीमें बनाई गईं, जिन्हें सुरक्षा के लिहाज से यह सूट दिए गए।

आलोक सिंह ने बताया कि कोरोना काल में पुलिस का मानवीय चेहरा और निखरा है। इस दौरान पुलिस को जनसेवा करने का अवसर मिला है। संकट के इस समय में पुलिस ने लोगों की हर तरह से मदद की है। नोएडा में 200 से अधिक चेकपोस्ट हैं। जहां द‍िन रात पुलिस के जवान तैनात हैं। इन सभी जवानों को गर्म खाना, पानी और इलेक्ट्रॉल पाउडर पहुंचाया जाता है। वहीं पुलिस कर्मियों इम्‍यूनिटी बढाने वाली एक्‍सरसाइज करने को भी कहा जा रहा है।

1995 बैच के आईपीएस हैं आलोक सिंह

मूलरूप से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अतरौली तहसील के रहने वाले आलोक‍ सिंह 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। पिता प्राजीक्यूशन विभाग, आगरा में संयुक्त निदेशक थे तो शुरुआती शिक्षा आगरा से हुई। उन्होंने मार्केटिंग ऐंड फाइनेंस में एमबीए किया है। आलोक सिंह एएसपी लखनऊ, एसएसपी कौशांबी, बागपत, सोनभद्र, बस्ती, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, बिजनौर, कानपुर, मेरठ और बाराबंकी रहे हैं। उन्‍हें नक्सल के खिलाफ अभियान के लिए प्रेसीडेंट गैलेंटरी मेडल मिल चुका है।