Vikash dubey encounter: इन 5 सवालों के जवाब कैसे देगी यूपी पुलिस…?

एनटी न्यूज/ यूपी

कानपुर मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों के हत्यारें विकास दूबे का एनकाउंटर कर दिया गया है। लेकिन इस एनकाउंटर के बाद कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। अभीतक के रिपोर्ट के अनुसार, विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर ला रही यूपी STF की काफिले की गाड़ी आज सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। पुलिस के अनुसार, यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को लेकर जैसे ही कानपुर पहुंची, वह गाड़ी में सुरक्षाकर्मियों की पिस्टल छीनने लगा। इसी बीच संतुलन बिगड़ने के बाद गाड़ी पलट गई।

गाड़ी पलटते ही विकास पुलिस पर फायरिंगकर भागने लगा। सुरक्षाकर्मियों ने भी अपने बचाव में गोलियां चलाईं। मुठभेड़ में विकास गंभीर रूप से घायल हो गया। सुरक्षाकर्मी उसे लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस कार हादसे में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पहला सवाल

पहला सवाल यह उठता है कि, इतने बड़े काफिले में सिर्फ विकास दूबे की गाड़ी ही क्यों पलटी? और अगर इसे संयोग मन लिया जाए तो इतने बड़े अपराधी के हाथ क्यों नहीं बंधे हुए थे। उसके हाथ में हथकड़ी नहीं लगाई गई थी?

दूसरा सवाल

एक दिन पहले ही विकास की गिरफ्तरी हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार उसने खुद मंदिर के अंदर लोगों को अपनी पहचान बताई थी। ऐसे में जब वो खुद गिरफ्तार होना चाहता था तो आज उसने भागने की कोशिश क्यों की?

तीसरा सवाल

गुरुवार को प्रभात और शुक्रवार को विकास दुबे, इन दोनों का जिस तरह दो दिन में एनकाउंटर हुआ और पूरे घटनाक्रम को देखें तो यह सवाल जरूर उठता है कि क्या यह संयोग है? प्रभात के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने इसी तरह का घटनाक्रम बताया था कि पहले पुलिस की गाड़ी पंक्चर हुई फिर प्रभात पुलिसकर्मियों से पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश करने लगा और फिर एनकाउंटर में मारा गया। आज भी सबकुछ ठीक उसी तरह से हुआ है।

चौथा सवाल

दो दिन में दो बार अपराधी पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लेते हैं। जानकार सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुलिसकर्मियों ने अपने हथियार रखने में लापरवाही बरती जो उनके गिरफ्त में मौजूद कोई बदमाश हथियार छीन लेता है।

पांचवा सवाल

मीडियाकर्मियों का दावा है कि वे भी उस काफिले के साथ ही उज्जैन से आ रहे थे, लेकिन दुर्घटना स्थल से कुछ पहले मीडिया और सड़क पर चल रही निजी गाड़ियों को रोक दिया गया था। न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी इसका फुटेज जारी किया है। आखिर क्यों मीडिया को आगे बढ़ने से कुछ देर के लिए रोक दिया गया था? यदि विकास ने भागने की कोशिश की तो उसके पैर में गोली क्यों नहीं मारी गई? इस तरह के और भी कई सवाल उठ रहे हैं, जिनका अभी पुलिस को जवाब देना होगा।

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