विकास दुबे के नाम नहीं मिला पासपोर्ट, फिर कैसे कि उसने 14 देशों की यात्रा ?

न्यूज़ टैंक्स/यूपी

कानपुर का नामजद अपराधी के नाम से पुलिस को कोई पासपोर्ट नहीं मिला है। पुलिस ने लखनऊ के गोमती नगर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से यह जानकारी मांगी थी। इसके बाद क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने इसकी जांच करवाई। विकास दुबे के वास्तविक नाम, पिता और माता का नाम, पते के आधार पर विकास के नाम से कोई पासपोर्ट नहीं बना है। अगर इसके बाद भी किसी पासपोर्ट पर कोई शक हो तो उसका विवरण भेज सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार पुलिस को पासपोर्ट दफ्तर से यह सूचना भेज दी गई है। वही दूसरी तरफ विकास दुबे की सरकारी तंत्र में घुसपैठ से एक शक और यह है कि विकास ने फर्जी नाम या पते से कहीं कोई पासपोर्ट न बनवा लिया हो। विकास दुबे के लिए मुखबरी करने वाले बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी पकड़े गए हैं। ऐसे में पासपोर्ट के लिए पुलिस रिपोर्ट लगवाना विकास के लिए मुश्किल काम नहीं है। इस दिशा पर भी पुलिस काम कर रही है।

पिछले तीन साल में 14 देशों की यात्रा की: विकास दुबे

पुलिस सूत्रों के अनुसार, विकास दुबे के सहयोगी जय ने दुबई और थाईलैंड में पेंटहाउस खरीदे थे जिसकी कीमत 30 करोड़ रुपए है। विकास दुबे ने पिछले तीन सालों में 14 देशों का यात्रा की। इसके साथ ही उसने लखनऊ में एक घर खरीदा है जिसकी कीमत 20 करोड़ रुपए से ऊपर है।

पेट्रोल पंप, कोठी और प्रॉपर्टी में लगे : करोड रुपए ।

विकास दुबे के साथ केवल जय ही नहीं, और भी उसके कई करीबी पार्टनर थे। इन लोगों ने विकास की काली कमाई को ब्याज के साथ ही पेट्रोलपंप से लेकर करोड़ों की प्रॉपर्टी खरीदने में लगाई थी। पुलिस जल्द ही दो बड़े कारोबारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। गौरतलब है कि 10 जुलाई की विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मार गया। कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई की देर रात आठ पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में विकास दुबे मुख्य आरोपी था। इस वारदात के बाद विकास दुबे पर 5 लाख का इनाम रखा गया था। पुलिस की माने तो उज्जैन से कानपुर लाते समय विकास दुबे ने भागने की कोशिश की। इस दौरान एनकाउंटर हुआ और वह मारा गया।

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