न्यूज़ टैंक्स | बाराबंकी
लखनऊ में तैनात निर्माण निगम के अवर अभियंता से 25 लाख की रंगदारी मांगने वाले पुलिस के जाल में फंस गए। पुलिस ने रुपए लेने आए छह लोगों को धर दबोचा। पकड़े गए सभी आरोपी स्नातक व इंटरमीडिएट पास छात्र हैं।
16 जुलाई को फोन पर मांगी थी रंगदारी..
उप्र राज्य निर्माण निगम लिमिटेड उच्च न्यायालय इकाई प्रथम परिसर लखनऊ के अपर अभियंता अजय सिंह पुत्र रघुराज सिंह बाराबंकी में शहर कोतवाली क्षेत्र के शिवाजीपुरम पल्हरी चौराहे पर रहते हैं। अजय सिंह के पास पहले 16 जुलाई की रात में फोन आया कि 25 लाख रुपए रंगदारी न देने पर बच्चे को अगवा कर लिया जाएगा। इसके बाद 17 जुलाई को दोपहर लगभग दो बजे फिर रंगदारी के लिए फोन आया। दो दिन दहशत में रहने के बाद 19 जुलाई को उन्होंने कोतवाली पहुंचकर पूरी बात बताई और मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस के बिछाए जाल में फंस गए आरोपी..
आरोपियों द्वारा मोबाइल का प्रयोग बहुत कम किया जा रहा था। आरोपी फोन करने के बाद मोबाइल बंद रखते। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। दो हजार व पांच सौ के 40 हजार रुपये की गड्डी बनाई। नोटों के बीच में कागज के टुकड़े लगाए गए। इसके बाद 25 जुलाई की शाम को बदमाशों को केवाड़ी मोड़ के पास बुलाया गया। तय समय पर जैसे ही बदमाश पहुंचे पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। पुलिस ने उनके पास से दो तमंचा, एक कार, एक बाइक, रंगदारी मांगने के प्रयोग किया गया मोबाइल बरामद किया।
पकड़े गए बदमाशों में दो सरकारी कर्मचारियों के तो एक ठेकेदार का पुत्र है..
पकड़े गए बदमाशों में सचिन सिंह निवासी ग्राम कछऊआपुरवा थाना मोहम्मदपुर खाला बाराबंकी, वैभव शुक्ल निवासी छाऊ चौराहा कोतवाली नगर लखीमपुर खीरी, हर्षित पटेल निवासी ग्राम नकहा थाना खीरी जिला लखीमपुर, पवन सिंह निवासी ग्राम सोनीपुर थाना अतरौलिया जिला हरदोई, योगेश सिंह निवासी सेक्टर-ए सीतापुर रोड योजना थाना मड़ियाव जिला लखनऊ व फरहान अहमद निवासी ऑफीसर कालोनी कोतवाली नगर लखीमपुर बताया है।
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा है। पकड़ा गया सचिन अपने पिता के साथ करीब चार वर्ष तक अवर अभियंता अजय सिंह के यहां किराए पर भी रहा है।