न्यूज़ टैंक्स | कानपुर
कानपुर एनकाउंटर मामले की जांच कर रही एसआइटी को आज 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपनी थी। सरकार ने एसआइटी को जांच रिपोर्ट जमा करने के लिए 20 दिन का समय दिया था। लेकिन, विभागों द्वारा जांच के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध ना कराने के कारण टीम ने सरकार से और वक्त मांगा है।
माना जा रहा है कि एसआईटी को जांच पूरी करने में अभी तीन हफ्ते और लगेंगे। वहीं, विकास दुबे के खास साथी जयकांत वाजपेयी और उसके तीन भाइयों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गयी है। एसआईटी को विकास दुबे और उसके गैंग पर दर्ज मुकदमों की डिटेल जुटानी है। लेकिन, पुलिस, प्रशासन, राजस्व, नगर निगम विकास प्राधिकरण से जांच से जुड़े पुराने दस्तावेज मिलने में दिक्कत आ रही है।
1998 से अब तक दर्ज मुकदमों में विकास दुबे को जमानत कैसे मिली? इस बाबत अदालती दस्तावेज लेना बाकी है. विकास और उसके परिवार को जारी हुए शस्त्र लाइसेंस का भी परीक्षण होना बाकी है। इसके अलावा मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या, विकास दुबे की एक साल की कॉल डिटेल का एनालिसिस और फाइनल रिजल्ट निकालना बाकी है।
जय वाजपेयी और उसके तीन भाइयों पर लगा गैंगस्टर एक्ट
विकास दुबे के फाइनेंस जयकांत वाजपेयी और उसके तीन भाइयों पर नजीराबाद पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई की है. जयकांत वाजपेयी पर विकास दुबे को असलहा-कारतूस मुहैया कराने और उसकी फरारी कराने में साजिश रचने का आरोप है। वह वर्तमान में जेल है।
इंस्पेक्टर नजीराबाद ज्ञान सिंह ने बताया कि जांच के दौरान जय का आपराधिक इतिहास खंगाला गया है. उसके खिलाफ डकैती, बलवा, मारपीट, लूट, आर्म्स एक्ट समेत आधा दर्जन केस दर्ज हैं. जांच में यह भी सामने आया है कि, आपराधिक संलिप्तता का जयकांत ने करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है. पुलिस ने संपत्ति संबंधी जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (इडी) और आयकर विभाग से साझा की है.