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न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ

राजधानी लखनऊ में कोविड-19 के करीब 2300 मरीजों ने अपने नाम और मोबाइल नंबर एवं पते के बारे में गलत जानकारी दी है : स्वास्थ्य विभाग

सरकार एक तरफ कोरोना से वचाव के लिए निरंतर गाइड लाइन जारी कर रही है लोगों को जागरूक कर रही है लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लोग इस गाइड लाइन पर पूरी तरह पानी फेर रहें है। लखनऊ में कोरोना वायरस के लगभग 2300 मरीजों ने अपने नाम और मोबाइल नंबर एवं पते के बारे में गलत जानकारी दी है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी नेइसकी पुष्टि की है, पिछली 23 से 31 जुलाई के बीच विभिन्न निजी और सरकारी प्रयोगशाला में अपनी कोई नयी चीज आज के लिए नमूने देने वाले 2290 लोगों ने अपना नाम पता और मोबाइल नंबर गलत दर्ज कराया है। यह सभी लोग कोविड-19 के मरीज हैं। इसकी पुष्टि होने के बाद जब स्वास्थ्य विभाग ने उन लोगों से संपर्क करने की कोशिश की तो यह पता चला कि उन्होंने जो विवरण दर्ज कराया है, वह गलत है।

पुलिस कर रही है तलाश

अधिकारी ने बताया कि इस बारे में पुलिस को सूचित कर दिया गया है और उन सभी लोगों की तलाश की जा रही है। यह लोग सिर्फ लखनऊ के ही नहीं बल्कि अन्य जिलों के भी हैं। इस बीच लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे ने कहा कि यह सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मुस्तैदी से कार्यवाही करते हुए उनमें से 1171 लोगों का पता लगा लिया है। इस बारे में संबंधित अधिकारियों के साथ-साथ एकीकृत कोविड-19 कमांड और नियंत्रण कक्ष को जानकारी दे दी गई है।

उन्होंने कहा कि बाकी लोगों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। अस्पतालों तथा प्रयोगशालाओं के प्रशासन से कहा गया है कि वह सैंपल लेने से पहले संबंधित व्यक्ति के मोबाइल नंबर की जांच करें ताकि स्वास्थ्य विभाग उन पर नजर रख सके।

गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ में अब तक कोविड-19 के 8686 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से रविवार तक 4012 प्रकरण उपचाराधीन थे। राजधानी में रविवार तक 4559 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं जबकि 115 की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार की काबीना मंत्री कमल रानी वरुण का कोविड-19 संक्रमित होने के बाद निधन हो गया। वहीं, प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह जी कोविड-19 के मरीज हो चुके हैं।

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