न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ
रिपोर्टर – बदल शर्मा
- कोविड-19 के चलते आम श्रद्धालुओं के मंदिरों में जाने पर रही रोक
- पुलिस प्रशासन के सुरक्षा के चाक-चौबंद रहे इंतजाम
मथुरा: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व यूं तो मंगलवार को भी मनाया गया, लेकिन श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बुधवार को कान्हा के जन्मोत्सव का मुख्य आयोजन हुआ। इस पर्व में शामिल होने के लिए राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और पूर्वांचल इलाके से लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं। इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा होने के कारण श्रद्धालु नहीं आ पाए।
हर साल की तरह इस बार भारतीय किसान यूनियन की पंचायत पर भी प्रतिबंध लगाया गया। भाकियू के कार्यकर्ता भी देशभर से यहां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर आते हैं और उनकी पंचायत होती है। यही कारण है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर होने वाले मुख्य कार्यक्रम में आम श्रद्धालुओं के शामिल होने पर रोक लगा दी गई।
ब्रज के सभी मुख्य मंदिरों को बहुत अच्छे से सजाया गया श्री कृष्ण जन्मस्थान पर भी भव्य सजावट की गई दिल्ली से आए हुए राजीव चोपड़ा भगवान कृष्ण के लिए मंगल गायन गाऐ और रात्रि 11:00 बजे से जन्मोत्सव के मुख्य कार्यक्रम प्रारंभ हो गए रात्रि 11:30 बजे सहस्त्र दीपों की माला प्रज्वलित की गई और स्वागतम श्री कृष्णा दीपों की ज्योति से लिखा गया, 11:55 बजे भगवान के पट बंद कर दिए गये और 12:00 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ ही प्राकट्य आरती हुईं उसके बाद कामधेनु गाय के दूध से भगवान का अभिषेक किया गया उसके बाद श्री कृष्ण जन्मभूमि न्यास समिति के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी के द्वारा भगवान कृष्ण का दिव्य पंचामृत से अभिषेक किया उसके पश्चात श्रृंगार आरती हुई और 1:00 बजे भगवान के दर्शन पट बंद कर दिए गये सिर्फ सेवायत ही मंदिर के अंदर रहें उनके अलावा प्रशासनिक अधिकारी और मीडिया कर्मी ही बस मंदिर प्रांगण में जन्म उत्सव के दौरान मौजूद थे।


