न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ
परिषदीय विद्यालय से बर्खास्त एक शिक्षक ने विभाग को पत्र लिखकर विद्यालय के विभिन्न मदों में खर्च किए गए रुपये की मांग की है। शिक्षक का कहना है कि पहले धन खर्च दिया था। बाद में फंड में रुपए आए तब तक उसे बर्खास्त किया जा चुका था। शिक्षक की इस डिमांड पर अधिकारी हैरान हैं। उन्हें इसका कोई हल नहीं सूझ रहा है।
गौरीबाजार क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पनहा में विज्ञान शिक्षक के पद पर मयंक राय की नियुक्ति करीब पांच साल पहले हुई थी।
बर्खास्तगी से पहले उनके पास प्रधानाध्यापक का भी चार्ज था। मयंक राय का कहना है कि जुलाई 2019 से दिसंबर 2019 तक उन्होंने विद्यालय में रंगाई-पुताई कराई। बच्चों को ड्रेस और मध्यान्ह भोजन भी दिया। इसका पूरा खर्च उन्होंने अपने पास से किया। इस मद में रुपया नहीं आया था। इस बीच किसी फर्जी व्यक्ति की फर्जी शिकायत पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उन्हें बर्खास्त कर दिया। इसके चलते उनके खर्च किए रुपये नहीं मिले।
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बर्खास्त शिक्षक मयंक राय ने विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखकर अपने रुपये वापस मांगे हैं। उसका कहना है कि बर्खास्तगी के बाद उसके पास आय कोई साधन नहीं है। उसे रुपयों की सख्त आवश्यकता है। उसने बर्खास्तगी के खिलाफ उच्च न्यायालय में जनवरी 2020 में वाद दायर करने की बात भी कही है। शिक्षक के रुपये मांगने का पत्र मिलने पर अधिकारियों को समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करें।