14 दिन से बेटे की लाश की आस में सूख गए परिजनों के आंसू, जिम्मेदार हैं कि पसीजते नहीं।

एनटी न्यूज/लखनऊ डेस्क/उत्तराखंड

  रोहित रमवापुरी/श्रवण शर्मा


उत्तराखंड : मेरी बदनसीबी यह कि मेरा जवान बेटा चला गया, अब उसकी लाश तक हम लोगों को नही नसीब हो रही है। सरकार क्या कर रही है ?हम लोग क्या करें कहाँ गुहार लागयें ?यह दर्द है हिमांशु के पिता भुवन चन्द्र का। मलेशिया में मर्चेंट नेवी में काम करने वाले लगभग एक दर्जन से अधिक नाविकों की रहस्यमयी मौत की गुत्थी उलझती ही जा रही है। नौजवानों की लाश तक नसीब नहीं हो रही घर वालों को। सत्ताधीश से लेकर नौकरशाह तक सब मौन हैं, आरजकता इस कदर की, नौजवान बेटे को खोने वाले पीड़ित पिता के लिखे पत्र का जवाब देना भी संबंधित विभाग उचित नहीं समझ रहा है।मर्चेन्ट नेवी में फर्जी तरीके से नियुक्ति दिलाने वाली दर्जनों कंपनियों के लाइसेन्स क्यों रद्द किए गए। अगर यह कंपनियाँ फ्रॉड थीं तो नियुक्ति हुई कैसे, सरकार की नाक के नीचे सारा खेल होता रहा। अब जवाब मांगा जा रहा है तो जिम्मेदारों की ओर से कोई आधिकारिक बयान तक नही आया।

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जानिए कब क्या हुआ- कैसे आया मामला प्रकाश में  

बीते 14 अगस्त को उत्तराखंड के नैनीताल (Nainital) जनपद के भीमताल निवासी हिमांशु पलड़िया (21) की रहस्यमय तरीके से मौत ही गई। हिमांशु के पिता भुवन चन्द्र ने बताया कि, हिमांशु 2019 में मर्चेट नेवी में नियुक्त हुआ था। उसकी तैनाती मलेशिया (Malaysia) में थी। वह मुंबई (Mumbai) के एक एजेंट के माध्यम से गया था। भुवन चंद्र ने न्यूज़ टैंक्स से बात करते हुए बताया कि, बीते शुक्रवार 14 अगस्त को उन्हें मलेशिया की ब्रोड विन विंचर कंपनी (जहां हिमांशु कार्यरत था) फोन आया कि आपके बेटे की तबियत खराब है और उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भुवन चंद्र के मुताबिक थोड़ी देर बाद कंपनी से बेटे की मौत की खबर आई। भुवन चन्द्र की माने तो हिमांशु को कोई बीमारी नही थी और वह पूरी तरह स्वस्थ था कंपनी के लोगों ने बताया कि किडनी फेल हो जाने के कारण उसकी मौत हुई ।

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हिमांशु के परिजन की न्यूज टैंक से ताजा बातचीत

हिमांशु के परिजन से न्यूज टैंक की 28/08/2020 के दोपहर 2 बजे बात हुई जिसमें उन्होने हिमांशु की मौत पर कई सवाल खड़े किए हैं। हिमांशु के पिता भुवन चन्द्र का कहना है की उनके पास हर दिन मलेशिया से अलग अलग फोन नंबर से कॉल आती है। जिसमें व्यक्ति फोन पर खुद को शिपिंग एजेंट बताता है। कभी वह कहता है पोस्टमॉर्टम हो गया है व लाश अभी मलेशिया सरकार की निगरानी में है, सभी कागजी कार्यवाही होने के बाद लाश भेजी जाएगी। वहीं दूसरे दिन मलेशिया से ही दूसरा फोन आता है की लाश मलेशिया में मौजूद इंडियन एम्बेसी के पास है

वह भेजेने की तैयारी में हैं। ऐसी तमाम तरह की बातें मलेशिया के फोन नंबर से आने वाली कॉल में लोग कह रहे। जिस वजह से परिवार किस फोन कॉल पर भरोसा करे किसकी बातों पर यकीन करे उसके समझ के परे है। परिवार के सदस्यों ने भारत की मौजूदा सरकार की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए जिसमें उनका कहना है की यूं तो कई स्थानीय व राष्ट्रीय पार्टी के नेता कई दिनों से हमें इंसाफ दिलाने की बात कर रहे हैं व विदेश मंत्रालय को उनके माध्यम से पत्र तक भेजे गए पर सरकार मौन है। अभी तक भारत सरकार की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान पत्र या सांत्वना नहीं मिली है।

हिमांशु के परिजनों द्वारा न्यूज़ टैंक्स को भेजा गया यह वीडियो जरूर सुने

 

यह मामला तब सुर्खियों में आया जब मलेशिया में तैनात उत्तराखंड के नैनीताल में भीमताल निवासी हिमांशु पलड़िया (21) की 14 अगस्त को रहस्यमय तरीके से मौत गई। जिस मामले को न्यूज टैंक्स ने प्राथमिकता के साथ प्रकाशित किया।

इस मामले पर जब न्यूज़ टैंक्स की टीम ने डीजी शिपिंग से बात करनी चाही तो उनका फोन नहीं उठा। वहीं जानकार सूत्रों कि मानें तो हिमांशु की डेथ बॉडी अगले सप्ताह तक भारत आने की संभावना है।

 

 

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