कुपोषण मुक्त भारत के लिए जन-आंदोलन की आवश्यकता

एंटी न्यूज़डेस्क/लखीमपुर

लखीमपुर खीरी: फोर्टिफिकेशन को बढ़ावा देने हेतु नीति निर्माताओं के साथ विचार-विमर्श करने हेतु ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज संस्था द्वारा वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया | इस बैठक में सांसद, प्रयागराज तथा पूर्व मंत्री, महिला, परिवार और मातृत्व एवं शिशु कल्याण उ०प्र० सरकार, प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी, सांसद खीरी, अजय मिश्र, विधायक सदर लखीमपुर, योगेश वर्मा, विधायक श्रीनगर लखीमपुर, मंजू त्यागी, विधायक वाराणसी कैंट, सौरभ श्रीवास्तव, विधायक कोराव प्रयागराज, राजमणि कोल, विधायक गरौठा झाँसी, जवाहर राजपूत, चेयरमैन / हेड, इंडोक्रीनोलोजी एंड डाईबिटोलोजी, मैक्स हेल्थकेयर, डॉ. अम्बरीश मित्तल, हेड, न्यूट्रीशियन व स्कूल फीडिंग यूनिट, वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम , डॉ. शारिका यूनुस खान, ग्रुप चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, यूके – इंडिया बिसनेस कौंसिल, जयंत कृष्णा, पूर्व मुख्य सचिव, उ०प्र० सरकार, आलोक रंजन, तकनीकी विशेषज्ञ संजीव कुमार और ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट निधि दुबे ने प्रतिभाग किया |

पोषण संबंधी आवश्यकताओं को समय से उपलब्ध करवाना

इस बैठक में सांसद खीरी, अजय मिश्र, विधायक सदर लखीमपुर ने कहा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कुपोषण मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए ही पूरे देश में, पोषण अभियान शुरू किया है कुपोषण को समाप्त करने के लिए हर स्तर से प्रयास हो रहें हैं मगर यह तभी संभव है जब हम सब मिलकर, माननीय प्रधानमंत्री की सोच के अनुसार इस पोषण अभियान को एक जन-आन्दोलन का रूप दें, एक जन-भागेदारी बनें, तभी हम कुपोषण मुक्त भारत के मार्ग पर बढ़ेंगे | उन्होंने अपनी बात के क्रम को आगे बढाते हुए कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि कोविड-19 महामारी से हमारा जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है | इसके साथ ही स्वास्थ्य और पोषण सेवाएँ भी बाधित हुयी हैं | इस महामारी के समय, लोगों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को समय से उपलब्ध करवाना एक चुनौती है | हम सब इसके लिए अथक प्रयास कर रहें हैं |

रणनीति बनाकर उस पर कार्य किया जाये

सरकार के लिए कुपोषण का मुद्दा बहुत गंभीर है; क्योंकि, अभी भी, भारत में महिलाओं और बच्चों में स्वास्थ्य से जुडी हुयी अधिकतम समस्यायों का कारण कुपोषण है | उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार 15 से 49 वर्ष की 2 महिलाओं में हर 1 महिला में कुपोषण के कारण  खून की कमी है | यह समस्या बहुत गंभीर है | इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पूरे प्रदेश के जन-प्रतनिधि, स्वयं के क्षेत्र की पोषण सम्बंधित चुनौतियों को चिन्हित करें और उसके बाद एक रणनीति बनाकर उस पर कार्य किया जाये |

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