न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ
मथुरा। किसानों द्वारा पराली जलाने को लेकर जिला प्रशासन गंभीर दिखाई दे रहा है इसके लिए जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्र ने दिशा निर्देश जारी कर किसी भी सूरत में पराली ना जलाने की राय दी है वातावरण में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हैं पराली से होने वाले प्रदूषण की वजह से हर साल प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है लेकिन इस बार पराली न जले इसको लेकर मथुरा जिला प्रशासन पहले से ही सतर्क होकर कार्य कर रहा है।
प्रदूषण अधिकारी डॉ अरविंद ने बताया कि डीएम द्वारा मीटिंग लेकर सभी अधीनस्थों को सख्त निर्देश दिए गए हैं इस बार पराली किसान खेतों में ना जलाएं अगर कोई किसान खेतों में पराली जलाता है तो 2 एकड़ तक के क्षेत्रफल पर ढाई हजार रुपए का जुर्माना होगा अगर 2 एकड़ से ऊपर है क्षेत्रफल तो 5000 का जुर्माना होगा अगर 5 एकड़ से ऊपर का क्षेत्रफल है तो 15000 जुर्माना होगा।
इस बार लेखपालों की भी विशेष जिम्मेदारी रहेगी लेखपाल गांव प्रधान के संपर्क में रहेंगे और यह निश्चित करेंगे कि किसी भी गांव में पराली जल सके जिला प्रदूषण अधिकारी ने बताया कि मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रिंट मीडिया आकाशवाणी से संपर्क कर इस तरीके के प्रचार प्रसार किया जाएगा कि किसान चलाएं गाय के रूप में भी काम आ सकता है क्योंकि मथुरा गौशाला भोजन की कमी है तो किसान अपना यह कृषि अपशिष्ट ले जाकर गौशालाओं को दे सकते हैं भोजन के रूप में काम आ जाएगा उन्होंने यह भी बताया कि अगर किसान अपने खेत में पराली जलाते हैं खेत का टेंपरेचर भर जाता है और खेत की मिट्टी को नुकसान होता है टेंपरेचर भड़ने की वजह से खेत की मिट्टी में जो बैक्टीरिया होते हैं वह मर जाते हैं और जमीन की उर्वरा क्षमता भी कम हो जाती है।
रिपोर्ट- बादल शर्मा