न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ
देश : पूर्वी लद्दाख में चीनी ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (PLA) की ओर से की गई उकसावेपूर्ण कार्रवाई के नाकाम करने के कुछ दिन बाद ही भारत ने पैंगोंग सो इलाके के दक्षिणी तट पर तीन महत्वपूर्ण चोटियों पर अपनी उपस्थित दर्ज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, सीमा पर शांति बहाली व पिछली स्थिति पर लौटने को लेकर बीते बुधवार को हुई सैन्य वार्ता का भी कोई हल नहीं निकल सका। फिलहाल, दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत का ये सिलसिला जारी रहेगा। ऐसे में आज सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) लद्दाख क्षेत्र की फॉरवर्ड लोकेशन का दो दिवसीय दौरा करेंगे।
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पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की ओर बढ़ रहे थे चीनी
मालूम हो कि हाल ही में चीनी सैनिक भारी संख्या में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की ओर आगे बढ़े थे, वे इलाके पर कब्जे के इरादे से आगे बढ़ रहे थे, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। भारतीय सैनिकों ने सतर्कता दिखाते हुए चीनी सैनिकों को रोक दिया। सेना के कड़े प्रतिरोध को देखते हुए चीनी सैनिकों को पीछे लौटना पड़ा।
सैन्य अधिकारियों की बातचीत रहेगी जारी
सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत जारी रहेगी। हालिया घुसपैठ के बाद दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति एक बार फिर बढ़ गई है। तनाव घटाने के लिए दोनों पक्षों के सेना कमांडरों की बीते बुधवार को हुई एक और दौर की वार्ता बेनतीजा रही। ये बैठक करीब सात घंटे चली, लेकिन इस बैठक का कोई ‘ठोस नतीजा’ नहीं निकला।
चीन ने चोटिंयों पर उपस्थिति भारत की उपस्थिति पर जताई आपत्ति
भारतीय सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई चोटिंयों पर उपस्थिति बढ़ाते हुए रणनीतिक बढ़त हासिल कर ली है। इसके अलावा क्षेत्र में यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की नाकाम कोशिशों को ध्यान में रखते हुए यहां सैनिकों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, चोटिंयों पर भारत के नियंत्रण के बाद चीन ने सैन्य वार्ता के दौरान आपत्ति जताई। लेकिन भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इस बात का जिक्र किया कि ये स्थान एलएसी के भारतीय सीमा के अंदर हैं।