न्यूज़ टैंक्स / लखनऊ
बलरामपुर। हाथरस के बाद उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में 22 साल की छात्रा के साथ कथित तौर पर गैंगरेप के बाद उसे बुरी तरह से मारा-पीटा गया था। पीड़िता को सही समय से इलाज नहीं मिला, जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में रविवार को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बलरामपुर पहुंचे और पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की। साथ ही उन्हें न्याय का भरोसा दिया है। हाथरस गैंगरेप मामले में सियासी घमासान के बीच बीजेपी और योगी सरकार अब छवि को डैमेज कंट्रोल में जुटी है।
बता दें कि बलरामपुर जिले के गैसड़ी कोतवाली क्षेत्र में छात्रा के साथ हुई हैवानियत हुई थी। पुलिस ने इस मामले में मृतक लड़की के भाई की तहरीर पर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। तो वहीं, छात्रा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट में छात्रा से गैंगरेप की पुष्टि हुई है और मौत के कारणों का पता चला है। रिपोर्ट की मानें तो छात्रा की मौत लीवर और आंत में गंभीर चोट लगने के कारण हुई है। चोट के कारण पीड़ित छात्रा की आंत फट गई और अधिक खून जमा होने के कारण उसकी मौत हो गई। छात्रा के शरीर में कई जगह हरे रंग के स्पॉट भी मिले थे। यह निशान आंत में अधिक खून जमा होने के कारण शरीर पर उभर आए थे।
रेप के बाद आरोपियों ने बेरहमी से मारा-पीटा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपियों ने गैंगरेप के बाद पीड़िता के साथ मारपीट भी की, जिससे उसके लीवर और आंत में गंभीर चोटें आई और इंटरनल ब्लीडिंग होने लगी। गंभीर हालत में आरोपियों ने छात्रा को रिक्शे पर लादकर घर के पास छोड़वा दिया। गंभीर हालत में घर पर पहुंची छात्रा को देखकर परिजन उसके इलाज के लिए पास के दो चिकित्सकों के पास गए, लेकिन गंभीर हालत देखते हुए उन्होंने उसे जिला मुख्यालय और लखनऊ ले जाने की सलाह दी। लेकिन गांव से कुछ ही दूर जाने पर उसकी मौत हो गई। डॉक्टर सईद और डॉक्टर संतोष कुमार सिंह स्थानीय चिकित्सकों ने बताया जब परिजन पीड़ित छात्रा को लेकर आए थे तो उसकी स्थिति काफी गंभीर थी। इसके बाद उन्होंने छात्रा को रेफर कर दिया था लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
मामले में केस दर्ज, 4 गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में 366, 376-डी, 302 और एससी एसटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है और अब तक दो नामजद सहित 4 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। इसमें दो वे आरोपी है, जिन्होंने गैंगरेप के बाद अपने घर पर छात्रा के इलाज के लिए चिकित्सक को बुलाया था। इनमें से एक रिक्शा चालक है जो छात्रा को घर लेकर गया। और एक कम्पाउंडर है, जिसने छात्रा के हाथ पर वीगो लगाया था। मामले में परिजन के आरोप पर पुलिस जेल भेजे गये आरोपियों के मित्रों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।