सेहत होगी साथ – जब स्वच्छ होंगे हाथ : सीएमओ

प्रयागराज,15 अक्टूबर 2020- हर साल की तरह इस साल भी ग्लोबल हैण्ड वाशिंग डे आज मनाया जा रहा है I इस साल की थीम “हैण्ड हाईजीन फॉर आल”(सभी के लिए स्वच्छ हाथ) निर्धारित की गई है I 15 अक्टूबर को मनाये जाने वाले हैण्ड वाशिंग डे के माध्यम से विश्व भर में लोगों को हाथ धुलाई के लिए जागरूक किया जाता है और उसके महत्त्व को लोगों तक पहुँचाया जाता है I इस दिन की स्थापना वर्ष 2008 में ग्लोबल हैंड वाशिंग पार्टनरशिप द्वारा की गयी जिसका प्रयास साबुन से हाथ धोने के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना है ।

इस साल कोविड-19 जैसी खतरनाक बीमारी की वजह से विश्व के ज्यादातर देश भयानक महामारी का सामना कर रहे हैं जिसने हाथों की स्वच्छता की आवश्यकता और उसके महत्त्व को और बढ़ा दिया है I कोविड-19 वायरस की रोकथाम के लिए हाथों की स्वच्छता, विशेष रूप से साबुन और पानी से हाथ धुलना सबसे कारगर तरीका माना जा रहा है और इसके लिए सभी सरकारी व गैरसरकारी संस्थाएं काफ़ी गंभीरता से काम कर रही हैं I

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मेजर जी.एस. बाजपेई ने ग्लोबल हैण्ड वाशिंग डे सन्दर्भ में कहा कि हैण्ड वाशिंग कोविड-19 से बचाव के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक और कारगर है I सही तरह से हाथ धुलने मात्र से हम दस्त, टाइफाइड, पेट संबंधी रोग, आँख में होने वाले संक्रमण, त्वचा संबंधी रोगों के साथ ही क्रमि संक्रमण से भी बच सकते हैं जो अनीमिया (रक्त अल्पता) का मुख्य कारण है जो महिलाओं व किशोरियों में अधिकतर पाया जाता है I उन्होंने कहा कि जनपद वासियों से अपील है की वे कार्यस्थल, घर व अन्य सार्वजानिक स्थलों पर कोविड-19 की प्रोटोकॉल का पालन करें और दिनभर में जितनी बार संभव हो साबुन व पानी से कम से कम 40 सेकेंड तक हाथ जरुर धुलें I

कोरोना काल में दें विशेष ध्यान –

कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए दिन भर में कई बार साबुन व पानी से हाथ धोना या सैनिटाईज़ करना ज़रूरी है, जैसे- मास्क को पहनने से पहले व उतारने के बाद, क्रेडिट/ डेबिट कार्ड मशीन और कार्ड को छूने के बाद, पैसे के लेनदेन के बाद , बार-बार छुए जाने वाली सतहों जैसे दरवाज़ा, टेबल, सीढ़ी, हैंडल आदि छूने के बाद, आँख, मुंह या नाक छूने के बाद, खाँसने व छींकने के बाद, घर की साफ-सफाई करने के बाद , किसी बीमार व्यक्ति से मिलकर आने के बाद व पालतू जानवरों से खेलने के बाद, बाहर से आने के बाद, शौच के बाद, खाना खाने, खिलाने व बनाने के पहले, बच्चे का डायपर बदलने या मल साफ करने के बाद, अन्य मौके पर भी संक्रमण का खतरा होने पर आदि I

सुमन के (SUMAN K) के माध्यम से याद रख सकते हैं हाथ धोने का सही तरीका –

सबसे पहले हाथों को साफ पानी से गीला कर के साबुन लगा कर अच्छे से झाग बना लें, इसके बाद-
स (S)- सीधा – हाथों के सीधे भाग को अँगुलियों को आपस में फंसते हुए आपस में अच्छी तरह रगड़े I
उ (U)- उल्टा – एक हाथ के सीधे भाग से दुसरे हाथ के उलटे भाग को आपस में अच्छी तरह रगड़े I
म (M)- मुट्ठी – एक हाथ की मुट्ठी बना कर उसे दूसरे हाथ से अच्छी तरह रगड़े I
अ (A)- अंगूठा – एक हाथ के अंगूठे को दुसरे हाथ से पकड़ कर अच्छी तरह रगड़े I
न (N)- नाखून – एक हाथ के नाखून को दूसरे हाथ की हथेली पर अच्छी तरह रगड़े I
के (K)- कलाई – कलाई को भी दुसरे हाथ से अच्छी तरह रगड़े I
अंत में साफ पानी से हाथों को अच्छी तरह धो लें I
क्या कहते हैं आंकड़े :
द स्टेट ऑफ हैंड वॉशिंग की 2016 की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्र में 54 प्रतिशत आबादी शौचालय के बाद हाथ धोती है, वही सिर्फ 13 प्रतिशत आबादी खाना बनाने से पहले और 27 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोती है। दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग शौचालय के बाद हाथ धोते है, 74 प्रतिशत खाना बनाने से पहले और 79 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोते है।

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