करवाचौथ पर पति की लम्बी उम्र के साथ महिलाएं रखें अपना भी ध्यान

प्रयागराज : वैश्विक महामारी कोरोना के बीच अपने सुहाग की सलामती के लिए 4 नवंबर (बुधवार) को महिलाएं पूरा दिन निर्जला उपवास रहेंगी। पूरे समय निर्जला होने के कारण महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्तर गिर जाने से वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आ सकती हैं। इसलिए कोरोना को हराने के लिए जरूरी है कि अपना इम्यून सिस्टम (प्रतिरोधक क्षमता) मजबूत रखा जाये। इस वर्ष करवाचौथ में बेहद अहतियात बरतने की जरुरुत है।

प्रतिरोधक क्षमता हुई कम

कॉल्विन हॉस्पिटल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सुषमा श्रीवास्तव ने बताया कि करवाचौथ का निर्जला उपवास बेहद कठिन प्रक्रिया है। लम्बे समय तक भूखे रहने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। पर आस्था से जुड़े होने के नाते हर सुहागन के लिए यह दिन बेहद खास होता है। लेकिन ध्यान रहे ऐसी महिलाएं जो गर्भवती हों या स्तनपान करती हों, रक्तचाप व मधुमेह या हृदय संबंधी किसी संक्रमण व बीमारी से ग्रसित हों तो उन्हें चिकित्सीय परामर्शनुसार नियमित दवा का सेवन जरूरी है। ऐसी स्थिति में पूरे दिन निर्जला उपवास रहना उनके स्वास्थ पर विपरीत असर डाल सकता है। कोशिश करें कि पूरा दिन भूखे न रहें, यदि व्रत रखना आवश्यक हो तो फल, ड्राई फ्रूट खाना अच्छा रहेगा। मधुमेह से ग्रसित महिलायें सिर्फ दवा न लें, इससे परेशानी बढ़ सकती है। सरगी खाना और बीच-बीच में कुछ फल और मेवे खाना बेहतर होगा जिससे शरीर को उर्जा मिलती रहे।

बाहर न निकलें

निर्जला उपवास के चलते महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता कम होना तय है जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है। इसलिए आत्म संयम बरतें और घर से बाहर न निकलें। त्योहार के एक दिन पहले से पूजा व घर के सभी आवश्यक सामान को घर लाकर रख लें। बाजार में खरीदारी के वक्त मास्क से मुंह व नाक अच्छी तरह से ढँक कर रखें। ब्यूटी पर्लर जाते समय विशेष ध्यान रखें, आवश्यक न हो तो न ही जाएँ। दुकान में प्रवेश करते वक्त और निकलते वक्त हाथों को अच्छी तरह सेनेटाइजर करना न भूलें। उपवास वाले दिन पार्क में, सड़क पर न जाएं, उपवास पूरा हो जाने पर कोशिश करें उस दिन घर पर बने भोजन व मिठाइयों का ही सेवन करें। आवश्यकता पड़ने पर किसी से बात करते समय दो गज दूरी का बेहद ध्यान रखें। स्वास्थ विभाग व सरकार के दिशानिर्देशों का ईमानदारी व अहतियात के साथ पालन करें। यदि तेज बुखार है, सांस लेने में परेशानी या चक्कर, घबराहट जैसा कुछ महसूस हो तो तुरंत अपने नजदीकी चिकित्सक को दिखाएं।

मसालों का सेवन

संक्रमण काल में पारंपरिक मिठाइयों का ट्रेंड भी बाज़ारों में बदलता दिख रहा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के लिए मिठाई में ड्राई फ्रूट लड्डू, अंजीर मेवा लड्डू, काजू मेवा बाइट, काजू व्हाइट बाल, बबूल गोंद, हल्दी, केसर, इलायची, दालचीनी जैसे आयुर्वेदिक मसालों व ड्राईफूड का मिश्रण किया गया है। जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए फायदेमंद है। मधुमेह पीड़ित व्यक्ति के लिए बाज़ारों में कुछ खास तरह की शुगर फ्री मिठाइयां भी उपलब्ध हैं। ध्यान रखें डॉक्टर की सलाह के बाद ही तय मात्रा में मधुमेह मरीज इन मिठाइयों का सेवन करें। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और आयुष मंत्रालय ने इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश, काढ़ा, आयुवेर्दिक गुणों से भरपूर चीजों और मसालों का सेवन करने की सलाह दी गई है।

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