न्यूज़ टैंक्स – डेस्क , लखनऊ
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र के मूलमन्त्र आत्मनिर्भर (self dependent) की सकारात्मकता अगर देखनी हो तो यूपी के जेलों में बंद कैदियों के कारीगरी (Workmanship) को
जरूर देखनी चाहिए। सूबे के डी जी जेल आनंद कुमार ने बन्दियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें उनकी रुचि के कार्यों का प्रशिक्षण दिए जाने के निर्देश दिए हैं .कोरोना काल में बन्दियों ने स्वावलंबी होने की दृष्टि से उपयोगी अनेक नए कार्यों का प्रशिक्षण प्राप्त किया है .
इसी क्रम में नवाबों के शहर रामपुर की जिला जेल रामपुर में बंद महिला बंदी आत्मनिर्भरता की राहें चुन रही हैं.
जिला जेल रामपुर तथा जिला प्रशासन इस हेतु मिलकर काम कर रहा है .
जिला जेल रामपुर के जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया की मिशन शक्ति योजना की नोडल अधिकारी ग़ज़ल भरद्वाज सीडीओ रामपुर के निर्देश पर निदेशक जिला उद्योग केंद्र तथा बैंक ऑफ बड़ौदा ने जेल में निरुद्ध महिला बंदियों के बीच सर्वे कराया कि वे मिशन शक्ति योजना के तहत आत्मनिर्भर होने के लिए किस तरह का कार्य करना पसंद करेंगी . महिलाओं द्वारा रामपुर में पारंपरिक रूप से बनाए जाने वाले दुपट्टे “चटापटी” और “पटापटी” बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त करने में रुचि दिखाई . रामपुर में परंपरागत रूप से नवाबी जमाने से ही दो तरह के दुपट्टे बनते हैं “चटापटी” और दूसरे प्रकार का दुपट्टा “पटापटी” .
पटापटी दुपट्टे जहां रंग-बिरंगे कपड़ों की कतरन से बनता है वही चटापटी दुपट्टे बनाने के लिए सादे कपड़े पर सबसे पहले डिजाइन बनाकर फिर उसे पेंट करते हैं और पेंट को पक्का करने के लिए उसे भाप से पकाते हैं .
वर्तमान में 30 महिला बन्दी इस कार्य का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं .
जिनमे से कुछ के नाम और अपराध का विवरण निम्न है :-
गंगा, नसरीन,ममता तथा कुमारी सुशीला हत्या के केस में ,
पार्वती और गोमती थापा एन डी पी एस एक्ट में
निरुध्द है .
इनके द्वारा बनाये गए सामानों की प्रदर्शनी रामपुर हाट में लगाई जाएगी और महिला बन्दियो द्वारा उत्पादित दुपट्टों की जनता में मांग के अनुसार महिला बन्दियों को कच्चा माल देकर बाज़ार में उपलब्ध कराया जाएगा .