एनटी न्यूज़डेस्क/श्रवण शर्मा/लखनऊ
उन्नाव: दादी नानी अम्मी अब्बू के साथ बच्चों में शिक्षा संग संस्कार की लौट रही बयार। उत्तर प्रदेश के जनपद उन्नाव में शुरू हुआ शिक्षा क्षेत्र का नवाचार कोरोना काल में गढ़ेगा सफल व सुरक्षित आयाम। स्नेहिल पांडे उन्नाव स्थित सोहरामऊ प्राथमिक अंग्रेजी मीडियम विद्यालय में बतौर प्रबंधिका कार्यरत हैं। जिन्हें शिक्षा क्षेत्र में नवाचार के आमूलचूल प्रयास के लिए बीते सितंबर माह में राष्ट्रपति द्वारा ‘राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार’ से पुरस्कृत व सम्मानित किया गया है। स्नेहिल केंद्र सरकार के अभियान मिशन शक्ति की उत्तर प्रदेश ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
भविष्य में असीम संभावनाओं के खुलेंगे द्वार
स्नेहिल बहुत खुश हैं। अपने इस प्रयास को अपनी जागती आंखों से सफल होते देखते हुए। स्नेहिल पांडेय के बारे में आप गूगल कर सकते हैं। उनके नवाचार आपको व घर बच्चों को बहुत प्रभावित करेंगे। शायद इतना की आप भी चाहेंगे काश आपको भी मिली होती ऐसी शिक्षिका। अक्सर शिक्षा पद्धति में नए, आधुनिक एवं सरल प्रयोग करके चर्चा में रहने वाली स्नेहिल आज फिर सुर्खियों में हैं। तो जानिए इस बार स्नेहिल के नवाचार में क्या है खास जो आधुनिक शिक्षा पद्धति में टेक्नोलॉजी के माध्यम से खोलेगा भविष्य में असीम संभावनाओं के द्वार।
बचपन का स्कूल घर बैठे आपके मोबाइल पर
स्नेहिल पॉडकास्टिंग के जरिए शिक्षा की अलख जगाने का कार्य कर रही हैं। जो इस आधुनिक पर बेहद सरल माध्यम से अपने सभी छात्रों तक पहुंचा रही हैं ज्ञान का भंडार, ताकि कोई भी कोविड19 के महामारी काल में शिक्षा से ना रह जाए वंचित। इसके लिए आपको करना होगा फेसबुक पर स्नेहिल पांडे को फॉलो या आप सोहरामऊ प्राथमिक अँग्रेजी मीडियम स्कूल के फेसबुक पेज पर जाकर स्नेहिल पल से जुड़ सकते हैं। जिसपर क्लिक करते ही आप किसी भी एक आडिओ को सुनें उसके बाद आपको खुद लगेगा जैसे आपको मिल गया हो आपके बचपन का स्कूल घर बैठे आपके मोबाइल पर।
रैनबो व कलरव पुस्तक के अध्याय पर अभी ज़ोर
स्नेहिल ने बताया कि वह दिसंबर माह के 3 तारीख से पॉडकास्टिंग के जरिए सभी विषयों के प्रत्येक पाठ को बेहद लगन व सरलता के साथ संबंधित पायदान पर प्रत्येक दिन साझा कर रही हैं। जिसके लिए वह हर पाठ ( लेशन, चैप्टर) को पढ़ाते हुए पांच से नौ मिनट का एक आडियो तैयार करती हैं। जिसे वह बताए गए एप्लीकेशन पर साझा करती हैं। इस समय वह रैनबो व कलरव पुस्तक के प्रत्येक अध्याय पर हिन्दी व अँग्रेजी दोनों भाषा में आडियो बना रही हैं। इन पुस्तकों के सभी अध्याय खत्म होने के बाद वह अन्य विषय से संबंधित पाठ्यक्रम का आडियो साझा करेंगी।
वो एक कसक मन को बार-बार विचलित करती रही
स्नेहिल ने बताया कि “महामारी के प्रसार को देखते हुए विद्यालयों को बंद करना सरकार का बेहद सकारात्मक कदम था। इस दौरान एक कसक मन को बार-बार विचलित करती रही। वह था विद्यालय के बच्चों से कुछ हफ्ते महीनों से ना मिल पाने का दुख व उनके भविष्य की चिंता। चिंता इस बात की सबसे ज्यादा थी की जिस घर में माता-पिता कम पढ़ें लिखे हैं उन बच्चों की शिक्षा परवरिश कैसे पूरी हो रही होगी। इसके लिए मैं हर दूसरे या तीसरे दिन अपने सभी छात्रों से फोन पर बात करने का प्रयास करती। उन्हें अकेले ही पढ़ने को प्रेरित करती रही, जहां तक संभव हो सका फोन पर ही कई बच्चों को कॉल कान्फ्रेंस कर पढ़ाया। पर आत्ममंथन के बाद मन को कुछ खाली सा लग रहा था क्योंकि सभी बच्चों से संपर्क बना पाना मुश्किल होता जा रहा था।
जब बच्ची के मासूम सवालों से भावुख हुईं स्नेहिल
तभी मेरी एक छात्रा नंदिनी ने टेलिफोनिक कोन्फ्रेंस के दौरान मुझसे कहा की मैडम क्या आप हमें जब तक स्कूल नहीं खुलता ऐसे ही रोज पढ़ा पाएँगी, जहां मुझे उसके मासूम सवालों ने भावुख कर दिया वहीं तुरंत पूजा का यह कहना की मैडम पापा फोन मांग रहे आज नहीं पढ़ पाऊँगी। इस घटना ने मेरे अंदर कई सवाल पैदा किए, जिसके बाद बहुत मंथन के बाद पॉडकास्टिंग का विचार मेरे मन में आया। दूसरे दिन मैंने उसके बारे में पढ़ा जाना फिर 3 दिसंबर की शाम को मैंने इसपर काम करना शुरू कर दिया। पहला विडियो भी इसी दिन डाला। जिसके बाद बच्चों के परिजन को समझाया इसके बारे में, सबकुछ बड़ा मुश्किल लग रहा था पर परिजन व छात्रों के सहयोग से यह मेरे लिए बहुत आसान रहा।
हर बच्चा व्यस्तता के बाद भी अटेण्ड करेगा क्लास
पॉडकास्टिंग के माध्यम से बच्चे व्यस्तता के बाद भी आनंद के साथ अर्जित कर सकेंगे ज्ञान। यह पॉडकास्टिंग क्लास बच्चों के परिजन इतना पसंद कर रहे हैं की पूरा परिवार एक साथ बैठकर आडियो सुनता है। सरल उदाहरण से समझाए गए विषय पर बच्चे के साथ परिजनो का भी बढ़ रहा ज्ञान। इससे बच्चों के परिजनो की जानकारी मेन रहता है की आज टीचर ने क्या पढ़ाया है। पॉडकास्टिंग से सबसे बड़ा लाभ यह है की कोई भी जब चाहे इस आडिओ को सुन सकता है व अपने सगे संबंधियों को साझा भीकर सकता है।
स्नेहिल के ” पॉडकास्टिंग चैनल स्नेहिल पल” से जुड़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर धीरे से टच करें:
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