माघ मेला- आस्था संग अहतियात की वैक्सीन से हारेगा कोरोना

प्रयागराज- मकर संक्राति पर माघ मेला में लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए माघ-मेला प्रशासन ने कमर कस ली है। पूरा मेला कोविड-19 प्रोटोकाल के दायरे में होगा। मेले में कोरोना संक्रमण न फैले, इसके लिए क्राउड मैनेजमेंट टीम पूरे मेला क्षेत्र में सक्रिय है। अहतियात के साथ हर छोटे-बड़े पहलुओं पर नजर रखी जा रही है।
ए.सी.एम.ओ. व सब चार्ज मेला डॉ. आर.एस. ठाकुर ने कहा कि मेला में आए सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 प्रोटोकाल का पूर्णतः पालन करना होगा। ऐसे में सुरक्षित व यादगार त्रिवेणी दर्शन के लिए श्रद्धालु इन बातों का ध्यान जरूर रखें।

अस्वस्थ होने पर यात्रा न करें

घर से निकलने से पहले अपने व साथ चलने वाले संबंधियों के स्वास्थ की जानकारी लें। कोशिश करें बच्चों व बुजुर्गों के सभी उपयोगी सामान रख लें। अस्वस्थ होने पर घर से न निकलें और न ही अस्वस्थ व्यक्ति के साथ यात्रा करें। बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ़ जैसे लक्षण महसूस हो तो अपने साथ आए संबंधियों से भौतिक दूरी बना लें। मेले में लगे स्वास्थ शिविर में मौजूद डॉक्टर से सलाह लें। आवश्यकता पड़ने पर कोविड सैंपलिंग मोबाइल वैन या स्टैटिक कोविड सैंपलिंग सेंटर में अपनी कोरोना की जांच कराएं।

सार्वजनिक स्थान पर न थूकें

कोविड-19 सैंपलिंग के नोडल डॉ. ए.के. तिवारी ने कहा कि कोरोना और टी.बी. जैसी खतरनाक बीमारियाँ खांसने, छींकने और थूकने से फैलती हैं। इसलिए मेले में आए श्रद्धालु सार्वजनिक स्थानों पर बिलकुल न थूकें। मेला परिसर में पान मसाले का सेवन न करें क्योंकि आपके सर्वजिक स्थान पर थूकने से आपका संक्रमण अन्य लोगों में जा सकता है।

मास्क, सेनीटाइजर, से जोड़िए आस्था-

इस बात का बेहद ध्यान रखें कि बिना मास्क के श्रद्धालु जनपद के किसी भी मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। यात्रा के दौरान भौतिक दूरी का पालन करें। अनावश्यक मंदिर परिसर की दीवारों को न छूए, और बच्चों व बुजुर्गों को ज्यादा भीड़ में न जाने दें। उनके स्वास्थ का ख्याल रखें व सेनीटाइजर का प्रयोग समय-समय पर करते रहें।

कोरोना संक्रमण ना लीजिए ना दीजिए

माघ मेले में आए श्रद्धालु अस्थायी रैन बसेरे में रुकेंगे व दान-पुण्य करेंगे। यहाँ संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है। हालांकि प्रशासन ने सारे इंतेजाम कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत ही किए हैं फिर भी घर से निकलते समय अपने साथ श्रद्धालु तौलिया व कंबल लेकर ही निकलें। सार्वजनिक स्थान जैसे की शौचालय, जलपान गृह व अन्य स्थानों पर अनियमितता नजर आए तो मेला प्रशासन से इसकी शिकायत करें। दान देने से पहले समझ लें कि इस्तेमाल किया हुआ कोई भी सामान या जूठा भोजन किसी गरीब या असहाय को भूल कर भी न दें। रैन बसेरे में विश्राम हेतु कोशिश करें की अपने साथ लाए बिछौने का प्रयोग करें।

स्नान के दौरान रखें ज्यादा ध्यान

नदी में स्नान के दौरान प्रमुख अहतियात बरतने होंगे। सबसे पहले ध्यान रहे की स्नान के दौरान घाट पर भौतिक दूरी का पालन जरूरी है। स्नान के दौरान नदी में कुल्ला न करें, नदी का पानी न पियें, मास्क व कपड़े को नदी में न धुलें। किसी मूर्ति या वस्तु को नदी में प्रवाहित न करें। दूसरे का तौलिया या कपड़े इस्तेमाल न करें।

नाव में ज्यादा लोग एक साथ ना बैठें

नाव पर सवारी करते समय सतर्क रहें। ध्यान रहे एक ही नाव में ज्यादा सवारी एक साथ न बैठें। ऐसा करने पर कोरोना संक्रमण से आप बचे रहेंगे। साथ ही किसी प्रकार की दुर्घटना की संभावना भी कम हो जाएगी। नाव में बैठते समय बिना मास्क के न बैठें और नाविक से लाइफ जैकेट मांगे।

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