इस वर्ष अब तक 436 मरीज़ हुए चिन्हित
निक्षय पोषण योजना में 14941 उपचाराधीनो को हुआ 1 करोड़ 69 लाख 13 हजार रूपए का भुगतान
प्रयागराज, 15 जनवरी 2021- भारत को टी.बी. मुक्त बनाने के लिए हर साल की तरह टी.बी. मरीजों की खोज के लिए एक्टिव केस फाईडिंग (ए.सी.एफ.) अभियान चलाया गया। राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम के अर्न्तगत दिनांक 02 से 12 जनवरी 2021 तक चले सघन टी.बी. रोगी खोज अभियान में 328 टी.बी. मरीजों को खोजा गया।
जिला क्षय रोग अधिकारी व ए.सी.एम.ओ. डॉ. ए.के. तिवारी ने बताया कि जनपद में 10 दिन तक सघन टी.बी. रोगी खोज अभियान चलाया गया। इसमें जनपद की कुल जनसंख्या के 20 प्रतिशत जनसंख्या को आच्छादित किया गया और 12 लाख 38 हजार 287 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। 02 से 12 जनवरी 2021 तक चले इस अभियान में 4543 संभावित मरीजों की बलगम जाँच की गयी। कुल 328 टी.बी. मरीज़ खोजे गए। खोजे गए टी.बी. मरीजों में से 316 का उपचार भी शुरू कर दिया गया है। अभियान के लिए 388 टीमें और 77 सुपरवाइजर लगाये गए थें।
इन टीमों ने घर-घर जाकर सम्भावित टी.बी. मरीजों की खोज के साथ ही टी.बी. रोग के बारे में जागरुक भी किया। गठित टीम एवं सुपरवाइजर के कार्य की पूरी मॉनिटरिंग जिला स्तर से की गई। डॉ. ए.के. तिवारी ने बताया कि टी.बी. एक गंभीर बीमारी है जिसे जड़ से ख़त्म करने के लिए भारत सरकार राष्ट्रीय स्तर पर मुहिम चला रही है। टी.बी. मरीज़ के लिए दवा के साथ ही अच्छे पोषण की भी बहुत आवश्यकता होती है तभी रोगी को पूरा लाभ मिलता है।
पोषण उपचाराधीनो को निक्षय योजना का लाभ मिल रहा है। इसके अंतर्गत भारत सरकार प्रत्येक उपचाराधीन को उचित पोषण के लिए 500 रूपय प्रतिमाह देती है। यह राशि मरीज़ को तब तक दी जाती है जब तक वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते हैं। योजना के सभी लाभार्थियों को इस योजना की धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में दी जाती है। उन्होंने बताया की इस वर्ष 1 जनवरी से लेकर अब तक 436 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। पिछले वर्ष दिसम्बर तक रजिस्टर्ड हुए 14941 उपचाराधीनो को निक्षय पोषण योजना में 1 करोड़ 69 लाख 13 हजार रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि टी.बी. के उपचाराधीनों के लिए मास्क का प्रयोग आवश्यक है। जिस किसी को भी खांसी, बुखार या वज़न कम हो रहा हो वह तुरंत नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से संपर्क कर टी बी की जाँच अवशय करवायें। विलम्ब करने पर स्थिति ख़राब हो सकती है और बीमारी गंभीर हो सकती है। जांच व उपचार पूरी तरह से नि:शुल्क है।