रिपोर्ट बादल शर्मा/मथुरा।
गोकुल में रमणरेती स्थित गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में वुधवार को पारंपरिक होली का आयोजन किया गया, जिसमें फूलों की होली, लड्डू होली, फिर लट्ठमार होली के साथ-साथ टेसू के फूलों की होली खेली गई। फूलों की होली में सैकड़ों ने भक्तों ने हिस्सा लिया, राधा-कृष्ण के स्वरूप ने पिचकारी से भक्तों पर रंग बरसाया, वही श्रद्धालु राधा कृष्ण के स्वरूप के साथ होली खेलने के लिए लालायित दिखाई दिए,अबकी बार अमीर गुलाल की होली नही खेली गई।
आपको बता दे कि गुरु शरणानंद महाराज का गोकुल के नजदीक श्रीउदासीन कार्ष्णि आश्रम है, जिसे रमणरेती आश्रम के नाम से भी जाना जाता है, इस आश्रम में हर साल वार्षिकोत्सव के मौके पर होली का आयोजन किया जाता है। इस दौरान यहां खेली जाने वाली फूलों की होली इस आयोजन की विशेषता होती है, इस मौके पर भी रंग-बिरंगे फूलों की होली का आयोजन किया गया। इस बार की होली में सूखे फूलों के और टेसू के फूलों से बने होली हुई टेसू के फूलों प्राकृतिक की खासियत यह है, कि इनसे शरीर को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है।
-ठाकुर जी के आंगन रासलीला का भी आयोजन हुआ, जिसमें राधा कृष्ण के स्वरूप ने लट्ठमार होली और लड्डू होली एवं फूलों की होली खेली वही दूसरी तरफ आज बिरज में होरी रे रसिया, चलो आयो रे श्याम पनघट पर चलो आयो रे, तू बरसाने में आ जइयो बुलाय रही राधा प्यारी, जैसे होली के गीत और रसियो से आश्रम गूंज रहा था, होली के गीत और रचना को सुनकर श्रद्धालु अपने आप को नाचने से रोक नहीं पा रहे थे, हर कोई झूमता हुआ नजर आ रहा था। वही रासलीला के समय हुए होली के रसिया गायन से यहां मौजूद भक्त पूरी तरह होली में रंगे नजर आये। हर कोई राधा-कृष्ण के स्वरूपों के साथ होली खेलना चाहता था। फूल होली से पहले यहां राधा-कृष्ण और सखियों की रासलीलाओं का मंचन किया गया।