एनटी न्यूज / मथुरा / बादल शर्मा
मथुरा – कोसीकला के फ़ालेन गांव में धधकते अंगारों के बीच होकर सुबह 4 बजे निकला मोनू पंडा. कई दशकों से चली आ रही है परंपरा, 40 दिन के कठोर तप के बाद प्रहलाद कुंड में स्नान करके होली के दिन शुभ मुहूर्त में धधकते अंगारों के बीच होकर निकलता है मोनू पंडा .जैसे ही शुभ मुहूर्त आया मोनू पंडा ने प्रहलाद कुंड में स्नान किया और हरिनाम गुनगुनाते हुए धधकते अंगारों के बीच से निकल गया ..वह कुछ सेकेंडों के पल देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे. इतनी विशाल और धधकते अंगारों के बीच होकर मोनू पंडा निकलता है ,लेकिन खास बात यह है कि उसको खरोंच तक नहीं आती ।
फालैन धधकती आग में से निकलता हुआ पंडा …
प्रह्लाद नगरी गांव फालैन में रविवार को होलिका पूजन के साथ ही पंडा मेला भी आरंभ हो गया। सोमवार को तड़के चार बजे पंडा माेनू प्रहलाद कुंड में स्नान करने के बाद हरि नाम गुनगुनाते हुए दहकती होलिका के अंगारों के बीच से निकला। अद्भुत दृश्य को देखने के लिए देश-विदेश से लोग यहां पर आते हैं। इतनी विशाल आग के बीच होकर निकलने के बाद भी मोनू पंडा को खरोच तक नहीं आती ,आग से निकलने बाले पंडे को भक्त प्रह्लाद का रूप मानते हैं
फालेन गांव में विशाल होलिका रखी है। हर किसी को उस पल का इंतजार रहता है, जब पंडा अपने तप के बल से आग निकलने का करिश्मा करता है।
अग्नि परीक्षा के लिए सजे गांव फालैन में एक दिन पूर्व से ही आसपास के गांवों के हुरियारे अपने-अपने समूह के साथ होलिका दहन स्थल पर पहुंचते हैं ओर प्रह्लाद मंदिर में माथा टेक कर पंडा को भी प्रमाण कर आर्शीवाद लेते हैं ।
बाईट-मोनू पंडा (आग से निकलने बाला पुजारी )
गांव में समाज गायन के साथ होलिका की पूजा विशेष धूम धाम से की गई। गांव की गलियों में होली की धूम दिखाई देती है। ढोल और नगाड़ों की धुन पर होली के रसिया गाए जाते हैं। लोग होली की मस्ती में झूम रहे हैं। आज बिरज में होरी रे रसिया जैसे रसिया गूंज रहे हैं। ब्रज की कुंज गलिन में, होरी खेल रहे नंदलाल के रसिया प्रस्तुत कर हुरियारे हुरियारिनों को होली खेलने के लिए आमंत्रण देती हैं । अबीर गुलाल बरसता हुआ देखने को मिलता है , फालैन में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को रंग से सराबोर किया जा रहा है।
बाईट-हनुमान प्रसाद-(एसडीएम छाता )
अबकी बार सुबह 4 बजे का था विशाल होली की आग से मोनू पंडा के निकलने का शुभ मुहूर्त…
– फालैन में रविवार को पंडा मेले आरंभ होते ही मंदिर में भी लोगों की भारी भीड़ देखते बन रही थी । तप पर मोनू पंडा भी उत्साहित थे। सुबह चार बजे लग्नानुसार मेला पुरोहित पंडित भगवान सहाय ने मंत्रोच्चार के माध्यम से ज्योति को स्थापित कर प्रज्वलित किया । मोनू पंडा इसी ज्योति के समक्ष बैठ कर पहली पूजा की । ओर सोमवार सुबह चार बजे मोनू पंडा ज्योति को अपने हाथ पर रखकर । होलिका में अग्नि प्रवेश की भगवान से अनुमति ली जैसे ही ज्योति की लौ शीतल हुई । उसके साथ ही वे ग्रामीणों को होलिका में अग्नि प्रवेश के लिए इशारा कर प्रहलाद कुंड में स्नान किया । कुंड से निकल कर वह सीधे दहकती होलिका में प्रवेश कर गए । और विशाल होली की अग्नि में होकर निकल गए ,पंडा मोनू को एक खरोच तक नहीं आई,
बाईट-स्थानीय
लेकिन भक्तों और स्थानीय लोग प्रहलाद कुंड की गंदगी को देखकर काफी आहत थे और।जिसमें पंडा और स्थानीय लोग स्नान करते हैं। उसमें गंदगी का अंबार लगा हुआ था। प्रशासन की यह बड़ी लापरवाही हर बार देखने को मिलती है।