एनटी न्यूज / मथुरा / रवनीत मैसी
दुनियाभर में आज यानी शुक्रवार 2 अप्रैल को गुड फ्राइडे मनाया गया । गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे और ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है। हिंदी में गुड फ्राइडे को पुण्य शुक्रवार भी कहा जाता है। गुड फ्राइडे का त्योहार ईसाई धर्म में मनाया जाता है। ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे के दिन प्रभु ईशु के बलिदान को याद करते हैं।
ईसाईयों द्वारा यह त्योहार कैलवरी में ईसा मसीह को सूली ( क्रूस) पर चढ़ाने के कारण हुई मृत्यु को याद करते हुए मनाया जाता है। गुड फ्राइडे पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता है, जो ईस्टर संडे से पहले पड़मे वाले शुक्रवार को आता है। साल 2021 में ये दिन 2 अप्रैल को है। ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने को लेकर लोग इस दिन शोक मनाते हैं। यही वजह है कि गुड फ्राइडे के लिए शुभकामनाएं नहीं दी जाती हैं।
हर साल कैसे तय किया जाता गुड फ्राइडे कब मनाया जाएगा?
इस दिन को मनाने की शुरुआत गुड फ्राइडे से लगभग 40 दिन पहले होती है। गुड फ्राइडे किस दिन मनाया जाएगा, ईसाइयों की सबसे बड़ी संस्था रोमन कैथलिक तय करती है। रोमन कैथलिक यानी वेटिकन सिटी जहां कैथलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप रहते हैं, वो हर साल साल बताते हैं कि गुड फ्राइडे किस दिन मनाया जाएगा।
क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे
ऐसी मान्यता है कि गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु ईशु को शारीरक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया दिया गया था। इसलिए इस फेस्टिवल को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाइबिल में लिखा गया है कि लगभग 2 हजार साल पहले यरुशलम के गैलिली प्रांत में ईसा लोगों को अहिंसा का उपदेश देते थे। वहां के लोग उनके उपदेशों से प्रभावित हो रहे थे और लोगों ने ईश्वर पर विश्वास करना शुरू कर दिया था। ये बात वहां के धर्मगुरुओं को पसंद नहीं आ रही थी। इसके बाद ही उन्होंने ईसा की झूठी शिकायत रोम के शासक पिलातुस से कर दी थी। पिलातुस को किसी को भी सजा देने का हक था। धर्मगुरुओं और कट्टरपंथियों ने ईसा को पिलातुस के सामने दोषी साबित कर दिया और ईसा पर धर्म की अवमानना के साथ राजद्रोह का आरोप लगाया गया। सजा के तौर पर ईसा मसीह को क्रूज पर मत्यु दंड देने का फरमान पिलातुस ने सुनाया। मृत्यु दंड देने से पहले ईसा मसीह को कई बार शारीरिक यातनाएं दी गईं। कोड़ें-चाबुक से उनको मारा गया। कांटे चुभाए गए। हाथ-पैर में कील ठोकी गई। उसके बाद उन्हें सूली पर लटका दिया गया।
स्पीच – पंकज इंद्रजीत ( रेवरेंड ) डिस्ट्रिक्ट सुपरिटेंडेंट सेंट्रल मेथोडिस्ट चर्च ऑफ मथुरा
– कहा जाता है कि जिस दिन ईशा को सूली पर लटकाया गया वो शुक्रवार यानी फ्राइडे का दिन था। इसलिए ईसा को याद करते हुए गुड फ्राइडे मनाया जाता है। बाइबिल में कहा गया है कि फ्राइडे से लेकर शनिवार की मध्यरात्रि तक 3 दिन कब्र में रहने के बाद ईस्टर संडे के दिन ईसा मसीह फिर से जीवित हो गए थे।
जानिए कैसे मनाया जाता है गुड फ्राइडे
गुड फ्राइडे के दिन सभी अनुयायी चर्च में प्रभु यीशू को याद करते हैं। गुड फ्राइडे को चर्च में विशेष प्रार्थाना आयोजित की जाती है। लेकिन इस दिन चर्च में घंटा नहीं बजाया जाता है सिर्फ लकड़ी के खटखटे से आवाज की जाती है। इसके बाद लोग ईसा मसीह के प्रतीक माने जाने वाले क्रॉस को चूमते हैं। इस दिन ईसाई धर्म को मानने वाले लोग प्रभु से प्रार्थना करने के लिए चर्च जाते हैं। इन दिन कई जगह पर उपवास रखा जाता है। जो लोग उपवास नहीं रखते इस दिन वो लोग सादा भोजन (बिना मांस) करते हैं। उपवास के दौरान लोग आध्यात्मिक जीवन की ओर लौटने और अपने किए बूरे कामों के लिए प्रभु ईसा मसीह से माफी मांगते हैं।