देश में बेकाबू होती कोरोना की रफ्तार पर लगाम कसने के लिए भारत सरकार टीकाकरण अभियान में तेजी लाने में जुट गई है। इसी कड़ी में अब केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि विदेशों से आयात होने वाली कोरोना वैक्सीन पर कस्टम ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। इन वैक्सीन पर लगने वाली 10 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी अब नहीं ली जाएगी। केंद्र सरकार के इस फैसले से देश में आने वाली विदेशी वैक्सीनों की कीमत भी कम रह सकेंगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी है। बता दें कि भारत सरकार जल्द ही रूस की स्पुतनिक-v का आयात करने वाली है। इसके अलावा भारत ने फाइज़र, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी टीका निर्माता कंपनियों से भी कहा है कि वे भारत को अपनी वैक्सीन बेचें। अधिकारी ने बताया कि सरकार इस पर भी विचार कर रही है कि निजी कंपनियों को मंजूरी प्राप्त वैक्सीन का सीधे बिना सरकार के हस्तक्षेप के आयात करने और इसे खुले बाजार में बेचने की इजाजत दी जाए। कंपनियों को टीके की कीमत तय करने की भी आजादी होगी।
मौजूदा समय में भारत के अंदर किसी भी कोविड-19 वैक्सीन की खरीद-बिक्री केंद्र सरकार ही करती है। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। नेपाल, पाकिस्तान, अर्जेंटीना और ब्राजील जैसे देश वैक्सीन के आयात पर 10 से 20 प्रतिशत का टैरिफ लगाते हैं।
बता दें कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर हर रिकॉर्ड तोड़ रही है। सोमवार को भी देश में कोरोना के करीब 2 लाख 60 हजार नए मामले रिपोर्ट हुए हैं, तो वहीं इससे मरने वालों की संख्या 1700 के पार पहुंच गई है।
भारत सरकार ने फैसला लिया है कि एक मई से देश में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना टीका दिया जाएगा।