प्रतापगढ़ | कोविड संक्रमण बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने कोविड पॉजिटिव मरीज जो होम आइसोलेशन में हैं उनकी निगरानी कर जरूरी मदद पहुंचाने का निर्णय लिया है | इसके लिए शासन की तरफ से गाइड लाइन जारी कर निर्देश दिए गए हैं | इसके अलावा बढ़ते मरीजो की संख्या को देखते हुए एंटीजन एवं आर.टी.पी.सी.आर जाँच के लिए प्रयोगशालाओं की क्षमता में वृद्धि भी की गयी है |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.के श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में 106 ग्रामीण क्षेत्र में रैपिड रेस्पांस टीम (आरआरटी) तथा 17 शहरी क्षेत्र में रैपिड रेस्पांस टीम (आरआरटी) का गठन किया गया है, जिसमें नगरीय निकाय / ग्रामीण के प्रशासनिक सदस्यों को सम्मलित किया गया है | मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जनपद में 1183 कोविड पॉजिटिव मरीज हैं। उन्होंने कहा कि जांच के बाद कोविड पॉजिटिव होने की स्थिति में आरआरटी का काम शुरू हो जाता है। आरआरटी पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर सबसे पहले संबंधित के घर का दौरा कर यह तय करती है प्रभावित को होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है या फिर उसे कोविड अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है। दरअसल अधिकतर मरीज होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हो सकते हैं बशर्तें उनके घर में इतनी जगह हो। यह सब देखने के बाद ही आरआरटी सलाह देती है कि आप घर में रहें या फिर अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आरआरटी की सलाह मानें और उसके द्वारा पूछे जाने वाले सवालों के सही-सही जवाब दें। जनता का यह सहयोग हमें इस बीमारी से लड़ने में मदद करेगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जनपद में 106 आरआरटी काम कर रही हैं हर 15 कोविड पॉजिटिव मरीज पर एक आरआरटी काम करती हैं । पॉजिटिव का उपचार शुरू कराने के साथ ही आरआरटी आस-पास के घरों में सर्वे कर यह पता लगाने का प्रयास करती है कि किसी पड़ोसी में कोविड के लक्षण तो नहीं हैं। पड़ोसियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह आरआरटी को सही-सही जवाब दें और पॉजिटिव आए व्यक्ति और उसके परिवार के साथ कोई भेदभाव न करें। उन्होंने कहा कोविड का प्रसार रोकने के लिए मास्क का इस्तेमाल और एक-दूसरे से कम से कम दो गज की शारीरिक दूरी जरूरी है, लेकिन इसका यह मतलब कदापि नहीं होना चाहिए कि कोविड पॉजिटिव व्यक्ति या उसके परिवार के साथ हम किसी तरह का भेदभाव करने लगें। कोविड-19 से हम सबको मिलकर लड़ना और इस कोरोना को हराना है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 से डरने की जरूरत नहीं है लेकिन सतर्कता जरूरी है। इसके लिए घर से बाहर कभी भी बिना मास्क लगाए न निकलें। ध्यान रहे कि तीन लेयर वाला मास्क हो और मुंह और नाक अच्छी तरह से ढके हों। सार्वजनिक स्थल पर दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करें और बार-बार अपने हाथों को साबुन-पानी से धोते रहें। जहां यह संभव न हो वहां सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। अपनी बारी आने पर टीकाकरण अवश्य कराएं, लेकिन ध्यान रहे टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है, यानि मास्क और दो गज की दूरी टीकाकरण के बाद भी जरूरी है।
रैपिड रेस्पांस टीम के सदस्य :
• टीम का प्रथम सदस्य -एम.बी.बी.एस. अथवा आयुष चिकित्सक होंगे |
• टीम के द्वितीय सदस्य स्वास्थ्य विभाग का पैरामेडिकल स्टाफ होगा | इसके लिए उन्हें जनपद स्तरीय प्रशिक्षण भी दिया जायेंगा |
• टीम का तीसरा सदस्य स्थानीय प्रशासन का होगा |
आरआरटी के कार्य
• कोविड जाँच के रिजल्ट के 24 घंटे के अन्दर मरीज का गृह भ्रमण करना |
• टीम द्वारा कोविड मरीजो का वर्गीकरण, लक्षणहीन तथा लक्षणविहीन के आधार पर करेगा |
• कोविड के नए लक्षणों वाले संभावित मरीजो की जाँच तुरंत कराएगी |