कौशाम्बी: हर वर्ष 28 मई को मासिक धर्म स्वच्छ्ता दिवस मनाया जाता है | इस वर्ष इस दिवस की थीम है अब माहवारी स्वच्छता और स्वास्थ्य में कार्रवाई और निवेश को आगे बढ़ाने की जरूरत है| वर्तमान में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला हुआ है और 18 वर्ष से अधिक के युवाओं को टीका लगना शुरू हो गया है| ऐसे में किशोरियों के मन में यह सवाल है कि माहवारी के समय में टीका लगवाना चाहिए या नहीं|
डॉ. विजेता सिंह महिला विशेषज्ञ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नेवादा ने बताया कि माहवारी का कोविड के टीके से कोई संबंध नहीं है, माहवारी के समय भी टीका लगाया जा सकता है| यदि टीका लगाने के बाद टीके की जगह दर्द हो या बुखार हो तो पैरासिटामाल की गोली खा सकते हैं| माहवारी के दौरान इम्यूनिटी कम नहीं होती है| उन्होंने बताया कि माहवारी के समय में किशोरियों को सही जानकारी के लिए केंद्र पर किशोरी हेल्प डेस्क बनाया गया हैं जिसमे किशोरियों के लिए काउंसिलिंग आयरन की गोली सिरप , कैल्शियम, पैड आदि की पूर्ण इंतजाम रहते हैं | उन्होंने कहा कि माहवारी स्वच्छता व प्रबंधन के बारे में महिलाओं और किशोरियों को जानकारी देना बहुत जरूरी है ताकि वह सशक्त हों, उनमें आत्मविश्वास जागे और वह माहवारी प्रबंधन के लिए उपलब्ध साधनों के बारे में और उपयोग के सम्बन्ध में स्वयं निर्णय ले सकें| और उनकी माहवारी स्वच्छता से सम्बंधित जानकारी मजबूत हो सके |
इन दिनों में संक्रमण से बचने के लिए नियमित नहाना चाहिए| नहाते समय अपने जननांगों को पानी से अच्छे से साफ़ करना चाहिए और सूती कपड़े से पोंछना चाहिये| माहवारी के दौरान सूती कपड़े के पैड का उपयोग सबसे अच्छा रहता है| हर 24 घंटे में कम से कम 2 बार पैड बदलने चाहिए| पैड बदलने के समय जननांग को पानी से धोकर सुखाना चाहिए| डॉ. का कहना है यदि अत्यधिक रक्तस्राव हो या पेट में अत्यधिक दर्द हो तो प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाना चाहिए| संक्रमण से बचने के लिए रक्त या स्राव के संपर्क होने पर शरीर को अच्छे से साबुन व पानी से धोना चाहिये| माहवारी में उपयोग किये गए पैड या कपड़े को खुले में नहीं फेंकना चाहिये क्योंकि ऐसा करने से उठाने वाले व्यक्ति में संक्रमण का खतरा हो सकता है| हमेशा पैड को पेपर या पुराने अखबार में लपेटकर फेंकना चाहिये या जमीन में गड्ढा खोदकर दबा देना चाहिये|
डॉ. ललित सिंह नेवादा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने बताया कि मासिक धर्म स्वच्छ्ता दिवस के उपलक्ष्य पर केंद्र पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे आई किशोरियों को आयरन की गोली सिरप , कैल्शियम, पैड वितरित किया गया तथा डॉ. विजेता सिंह महिला विशेषज्ञ द्वारा उनकी समस्याओं सुन कर उन्हें परामर्श दिया गया |
क्या होती है माहवारी
माहवारी लड़की के जीवन की स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसमें योनि से रक्तस्राव होता है| माहवारी लड़की के शरीर को माँ बनने के लिए तैयार करती है| लड़की की पहली माहवारी 9-13 वर्ष के बीच कभी भी हो सकती है| हर लड़की के लिए माहवारी की आयु अलग-अलग होती है| हर परिपक्व लड़की की 28-31 दिनों के बीच में एक बार माहवारी होती है| माहवारी का खून गन्दा या अपवित्र नहीं होता है| यह खून गर्भ ठहरने के समय बच्चे को पोषण प्रदान करता है| कुछ लड़कियों को माहवारी के समय पेट के निचले हिस्से में दर्द, मितली और थकान हो सकती है| यह घबराने की बात नहीं है|