केंद्र सरकार और माइक्रोब्लॉगिंग साईट Twitter के बीच जारी तनाव के दौरान इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ने ट्विटर के अधिकारियों को समन भेजा है. ट्विटर के अधिकारियों को समन भेजकर 18 जून को कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है. ट्विटर को नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा, सोशल मीडिया/ऑनलाइन न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म के गलत प्रयोग को रोकने और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर समन भेजा गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक समिति ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के अधिकारियों को भी बुलाया है ताकि जारी विवादों पर उनका पक्ष जाना जा सके. संसद में एक स्रोत ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि समिति आईटी रेगुलेशन रूल्स और हालिया मैनिपुलेटेड मीडिया कंट्रोवर्सी समेत कई मुद्दों पर चर्चा करेगी. आईटी पैनल की अध्यक्षता कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर कर रहे हैं.
इस साल फरवरी 2021 से केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच तनाव चल रहा है, जब केंद्र ने किसान आंदोलन से जुड़े कुछ कंटेंट को ब्लॉक करने को कहा था. इसके बाद सरकार नए कानून लेकर आई जिससे सोशल मीडिया कंपनी को लीगल रिक्वेस्ट्स पर ऐसे कंटेट को हटाने की जिम्मेदारी बढ़ गई.
इसके अलावा नए नियमों के तहत शिकायतों के निपटारे के लिए इंडियन ग्रीवांस ऑफिसर की नियुक्ति का प्रावधान किया गया. इसके बाद एक और मामले में केंद्र और सरकार के बीच विवाद गहरा गया जब ट्विटर ने बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट को मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग लगा दिया जिसमें उन्होंने सरकार पर बदनाम करने के लिए कांग्रेस पर कोविड टूलकिट इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने ट्विटर को नोटिस भेजकर इस पर जवाब मांगा था.