यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी सरकार भी चुनावी मोड में आ गई है. सेवाभाव का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए सभी मंत्रियों को मैदान में उतारा जा रहा है. दिल्ली में पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मंथन कर लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोकभवन में सरकार के सभी मंत्रियों के साथ बैठक की. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी थे, इसलिए स्पष्ट है कि यह बैठक सिर्फ सरकार नहीं, बल्कि संगठन के एजेंडे को लेकर भी थी.
राज्य सरकार के प्रवक्ता व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि बैठक में सभी मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह जून और जुलाई में अपने प्रभार वाले जिले में लगातार प्रवास करेंगे. एक दिन में अधिकतम दो ब्लॉक में प्रवास करना होगा. वहां मंत्री सरकारी राशन की दुकान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व गो आश्रय स्थल आदि का निरीक्षण करेंगे और समीक्षा कर वहां की व्यवस्थाओं को बेहतर कराएंगे.
इसके साथ ही पार्टी के मंडल अध्यक्ष और महामंत्रियों के साथ छोटी-छोटी बैठकें कर संगठन संबंधी कार्यों पर बात करेंगे. पार्टी के संपर्क और संवाद अभियान के तहत मंत्रियों को कार्यकर्ताओं से मुलाकात करनी होगी. प्रवक्ता ने बताया कि 21 जून को योग दिवस और 23 जून से छह जुलाई तक वृहद पौधारोपण को सफल बनाना है. इसके साथ ही 27 जून को प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम का आयोजन हर बूथ पर कराना है. किसी एक बूथ पर कार्यकर्ताओं के साथ प्रभारी मंत्री भी मौजूद रहेंगे.
सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों को सरकार द्वारा कोविड प्रबंधन के तहत किए गए कार्यों की सूची दी गई है. उनसे कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले कार्यकर्ताओं के घर जाना है. क्षेत्र में रहने वाले पीड़ित परिवारों से मिलना है. संभव है कि उनकी कुछ शिकायतें हों तो तसल्ली से उन्हें सुनकर फिर सरकार के काम गिनाएं. उन्हें बताएं कि सरकार और संगठन ने किस तरह संकट काल में जनहित के कदम उठाए. सेवा कार्य लगातार किए गए. इसी के साथ चुनाव के मद्देनजर सरकार और संगठन के समन्वय का भी संदेश जनता के बीच पहुंचाना है.
बैठक में मंत्रियों से कहा गया है कि संगठन से वार्ता कर अधिक से अधिक पार्टी समर्थित जिला पंचायत अध्यक्षों को भी जिताना है. जनता को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने के लिए संगठन को लगाने और अपनी-अपनी सोशल मीडिया टीम बनाकर उसे सक्रिय करने की चर्चा हुई है.